निर्धनों के लिए पकती है खिचड़ी पर भरे पेट वाले ही क्यों खाते हैं

By: Jan 19th, 2017 12:05 am

सोलन  —  शहरी क्षेत्रों में रहने वाले गरीबों की रात खुले आसमान तले गुजर रही है। सड़कों व फुटपाथ पर जीवन बसर करने वाले ये लोग भले ही हिमाचली न हों, लेकिन भारतीय जरूर हैं। इन गरीबों का दर्द समझने वाला कोई नहीं है। सरकार गरीबों के कल्याण की कई योजनाएं बनाती तो है, लेकिन जरूरतमंद लोगों को इसका लाभ ही नहीं मिल पाता है। जब लाभ देने की बात आती है तो नियम और शर्तें इतनी अधिक होती हैं कि सड़कों पर  रहने वाले निर्धन इन शर्तों को पूरा ही नहीं कर पाते हैं। यही वजह है कि कई बार सरकारी योजनाओं का लाभ ऐसे लोग ले जाते हैं, जिन्हें इसकी जरूरत ही नहीं होती है। सोलन नगर परिषद में भी कुछ ऐसा ही हो रहा है। केंद्र सरकार ने शहर में रहने वाले निर्धन लोगों के लिए करीब दस करोड़ रुपए का प्रोजेक्ट स्वीकृत किया था। इस प्रोजेक्ट के तहत ऐसे तमाम लोगों को आवास सुविधा मुहैया करवाई जा रही है, जिनके पास अपनी छत नहीं है। एक दशक पहले यह प्रोजेक्ट स्वीकृत हुआ था। कई वर्षों तक तो आवासीय कालोनी बनाने के लिए जगह ही नहीं मिली। बड़ी मशक्कत के बाद चंबाघाट में इस प्रोजेक्ट के तहत कालोनी बनाए जाने का कार्य शुरू हुआ। दावा किया जा रहा है कि अब यह कार्य लगभग अंतिम स्टेज पर है तथा जल्द ही गरीबों के दिन बदल सकते हैं। इस प्रोजेक्ट में कुल 96 टू रूम सेट के फ्लैट तैयार किए जा रहे हैं। एक सेट की निर्माण लागत 8.75 लाख रुपए है। ये फ्लैट शहर के ऐसे गरीब लोगों को दिए जाएंगे, जिनके पास अपना मकान ही नहीं है, जो परिवार बीपीएल की श्रेणी में आते हैं और शहर में बीते 15 वर्षों से रह रहे हैं। एक अन्य अहम शर्त फ्लैट जारी किए जाने के लिए रखी गई है। केवल उसी व्यक्ति को आवास मुहैया करवाया जाएगा, जो नगर परिषद में 1.50 लाख रुपए की राशि जमा करवाएगा। अब सबसे बड़ा सवाल यह उठ रहा है कि बीपीएल परिवार का ऐसा व्यक्ति, जिसके पास अपनी छत तक नहीं है, वह इतनी बड़ी राशि कहां से लेकर आएगा। यदि गरीब के पास इतना पैसा होता तो उसे इन फ्लैट की जरूरत ही नहीं पड़ती। ऐसे में जाहिर सी बात है कि ऐसे लोग इन फ्लैट के दावेदार बन जाएंगे, जिन्हें इसकी जरूरत ही नहीं है।  शहर की सड़कों के किनारे अपनी रातें गुजारने निर्धन लोग इस योजना के दायरे में नहीं आ रहे हैं। इन लोगों को कड़ाके की ठंड इसी प्रकार सहन करनी होगी। बंद कमरे में गरीबों के लिए योजनाएं बनाने वाले नेताओं और अधिकारी इनका दर्द महससू नहीं कर पाते हैं। आखिर कब वे दिन आएंगे, जब प्रत्येक शहरी के पास अपना मकान होगा।

क्या कहती है नगर परिषद

नगर परिषद के कार्यकारी अधिकारी बीआर नेगी का कहना है कि चंबाघाट में निर्धन परिवारों के लिए 96 फ्लैट तैयार किए जा रहे हैं। परिषद के पास 86 लोगों की सूची है, जिनको यह फ्लैट जारी किए जा रहे हैं।

शहर में 250 बीपीएल परिवार

प्राप्त आंकड़ों के अनुसार सोलन शहर में करीब 250 बीपीएल परिवार है। इनमें से कई ऐसे परिवार है, जिनके पास अपनी छत नहीं है। इसके अलावा करीब 100 से अधिक लोग ऐसे हैं, जो शहर के फुटपाथ और सड़कों के किनारे अपनी रातें गुजार रहे हैं।

शामती में बन रही ‘निर्धनों की बस्ती’

शहर के शामती क्षेत्र में निर्धनों की बस्ती का तेजी से विकास हो रहा है। इन  गरीबों के पास छोटी से झोंपड़ी के अलावा कुछ भी नहीं है। यहां पर करीब दो दर्जन से अधिक परिवार आवासीय सुविधा न होने से परेशान हैं। हालांकि ये सभी लोग गैर हिमाचली हैं।


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