नोटबंदी से सुधारों का मंच तैयार

By: Jan 2nd, 2017 12:06 am

सीआईआई की रिपोर्ट, आयकर घटाने-जीएसटी लागू करने का सही समय

newsनई दिल्ली – भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) ने रविवार को कहा कि नोटबंदी ने कारपोरेट आयकर घटाने तथा वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के प्रभावी रूप से लागू करने के लिए मंच तैयार किया है। बजट पेशी से पहले वित्त मंत्रालय को भेजी गई सिफारिशों में सीआईआई के महानिदेशक चंद्रजीत बनर्जी ने कहा कि नोटबंदी के बाद अर्थव्यवस्था का एक वृहद हिस्सा आयकर के दायरे में आया, जिससे कारपोरेट क्षेत्र के आयकर दर को कम करने में ज्यादा सहूलियत हो गई है। बजट 2017-18 के लिए हमारी सिफारिश है कि सभी सरचार्ज और उपकर सहित कारपोरेट क्षेत्र के लिए आयकर दर घटाकर 18 प्रतिशत की जाए। उद्योग परिसंघ ने कहा कि कर दर घटाने से इसे मानने वालों की संख्या में वृद्धि होगी और इसी अनुभव के आधार पर सीआईआई का मानना है कि कर की दर 18 प्रतिशत करने और सभी कर छूट हटाने से सरकारी खजाने पर नकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ेगा। श्री बनर्जी ने कहा कि कर दर 18 प्रतिशत करने से भारत सिंगापुर और ब्रिटेन की तरह अंतरराष्ट्रीय निवेश के लिए आकर्षक बन जाएगा। सीआईआई ने कहा कि कर छूट को धीरे-धीरे हटाने की कोई जरूरत नहीं है और सरकार इसे एक बार में ही लागू कर सकती है। बैंकों तथा डिजिटल भुगतान जैसे माध्यमों के जरिए लेन-देन करने से जीएसटी को भी प्रभावी रूप से लागू करने में मदद मिलेगी। सीआईआई ने कहा कि लेन-देन में कम नकद का इस्तेमाल करने से लेन-देन की निगरानी आसान हो जाती है और इससे जीएसटी को लागू करने में मदद मिलेगी। कारपोरेट टैक्स में कटौती करने के अलावा सीआईआई ने निवेश सुधारने, इस क्षेत्र में गुणवत्ता वाले रोजगार के सृजन और उच्च शैक्षणिक संस्थानों में शोध के निवेश में दस गुणा बढ़ोतरी करने की भी सिफारिश की है।


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