न गोशालाएं बनीं, न मिला आवारा पशुओं से छुटकारा

By: Jan 17th, 2017 12:05 am

 मैहतपुर —  हाई कोर्ट के निर्देशों के अनुसार भी गोशालाएं अभी तक बनकर तैयार नहीं हुई हैं। निर्देशों के बाद भी चौथी बार किसानों ने फसल पैदा की है। अभी भी आवारा पशु किसानों की फसलों को बर्बाद कर रहे हैं। किसान खून के गूंट पीने को मजबूर है। किसान इतनी कड़ाके की सर्दी में पहरा देकर अपनी फसलों को बर्बाद होने से रोक रहे हैं। इसके साथ-साथ आवारा पशु धर्मशाला-चंडीगढ़ राज्यमार्ग मैहतपुर में इन दिनों सड़कों पर घूम कर सड़कों की शोभा बढ़ा रहे हैं तथा आए दिन दुर्घटनाओं का कारण भी बन रहे हैं। आवारा सांड सड़कों पर एक हाथी की चाल चलते हुए सड़क के बीचोंबीच टहलते हुए आम देखे जा सकते हैं। ये आवारा सांड सारा दिन मैहतपुर के मुख्य बाजार, रेलवे रोड व बसदेहड़ा नगर की सड़कों पर घूमते हुए नजर आते हैं। रेलवे रोड के दुकानदार इनको यहां से भगाते हैं, तो ये आवारा सांड मैहतपुर बाजार की ओर चल देते हैं। मैहतपुर बाजार वाले दुकानदार इन्हें यहां से खदेड़ते हैं, तो ये घूमते-फिरते रेलवे रोड बाजार में पहुंच जाते हैं। सारा दिन ये इन्हीं सड़कों पर इधर-उधर घूमते रहते हैं, जिससे वाहन चालकों को अपने वाहनों को लेकर गुजरने में भारी दिक्कत होती है। कई बार यह आवारा सांड सड़क के बीच बैठ कर आराम फरमाते हैं, जिससे ट्रैफिक व्यवस्था पूरी तरह से खराब हो जाती है। नगर परिषद मैहतपुर-बसदेहड़ा द्वारा जगह-जगह रखे गए कूड़ेदानों में ये पशु मुंह मारते रहते हैं। हाई कोर्ट के निर्देशों के बावजूद यह समस्या बरकरार है, लेकिन स्थानीय नगर परिषद व पशु विभाग द्वारा संयुक्त एक अभियान चलाया था, जिसमें आवारा पशुओं को पकड़कर गोशाला में भी पंहुचाएं हैं। मैहतपुर-बसदेहड़ा में आवारा पशुओं की संख्या दो दर्जन से अधिक है।

किसान पहरा देने को मजबूर

इससे पहले आवारा पशुओं ने मैहतपुर के साथ लगती ग्रांम पंचायतों में जाकर स्थानीय किसानों की फसलों को चट कर चुके हैं, जिससे किसानों की गेहूं की फसल बर्बाद हो गई है, लेकिन बसदेहड़ा में ज्यादातर खेती वार्ड नंबर नौ में जहां ये अवारा पशु रात-दिन खेतों में डेरा जमाए रहते हैं, बेबस किसान इतनी ठंड में पशुओं को खेतों में खदेड़ने को लगे रहते थे, लेकिन आवारा पशु इसके साथ मैहतपुर के आस-पास गांव मैहतपुर, रायपुर सहोड़ा, चड़तगढ़, बसदेहड़ा, भटोली, जखेड़ा, वनगढ़, पुखरू, सासन, बडैहर, देहलां व बहडाला में भी इन अवारा पशुओं का खूब आतंक रहा है।

कई चालक गंवा चुके हैं जान

आवारा पशुओं के कारण रात के समय दर्जनों वाहन चालक इनसे टक्कराकर घायल भी हो चुके हैं और कई दोपहिया वाहन चालक अपनी जान भी गवां चुके हैं, जिससे जाम की स्थिति होना आम बात बन जाती है। मैहतपुर व आसपास के क्षेत्र में आवारा पशुओं की तादाद में वृद्धि हो रही है, जो कि हर समय हाई-वे पर डिवाइडरों के बीच बैठे रहते हैं, जिस पर बुद्धिजीवी वर्ग ने चिंता व्यक्त करते हुए लोगों से पशुओं को इस तरह का नकारा समझकर सड़कों पर खुले में न छोड़ने का आह्वान किया है, ताकि वे स्वयं दुर्घटनाओं का कारण न बन सकें।


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