पढ़ाई में कमजोर छात्रों को एक्स्ट्रा क्लास
नए सत्र से गर्मियों की छुट्टियों में दो घंटे दी जाएगी कोचिंग, नौवीं के स्टूडेट्स के लिए नई व्यवस्था
शिमला — आठवीं पास छात्रों की सीखने की क्षमता और पढ़ाई में कमजोर छात्रों को दुरुस्त करने के लिए अतिरिक्त सुधारात्मक कक्षाएं लगाई जाएंगी। इन कक्षाओं को शुरू करने के लिए अतिरिक्त मुख्य सचिव की ओर से जून, 2015 में सभी स्कूलों को गाइडलाइन जारी की गई थी। अब अगले सत्र से सभी स्कूलों में ये कक्षाएं शुरू कर दी जाएंगी। इसके लिए शिक्षा विभाग ने तैयारियां शुरू कर दी हैं। छात्रों के लिए अतिरिक्त कोचिंग सिलेबस के साथ 89.75 लाख रुपए का बजट भी मंजूर किया गया। इसमें आठवीं पास कर नौवीं कक्षा में पहुंचे छात्रों को अलग-अलग श्रेणियों में रखा जाएगा। इसमें आठवीं में कम अंक प्राप्त करने वालों को एक श्रेणी में रखा जाएगा। उच्च शिक्षा उपनिदेशक और जिला कार्यक्रम अधिकारी ऐसे स्कूलों की पहचान करेंगे जहां पर इस तरह की कक्षाएं शुरू करने की आवश्यकता है। इसमें गणित, अंगे्रजी और विज्ञान के लिए अतिरिक्त कोचिंग देनी होगी। यह कोचिंग गर्मियों में होने वाली छुट्टियों के दौरान दी जाएगी और तीनों ही विषयों पर दो घंटे प्रति विषय लगाना अनिवार्य होगा। सर्दियों में बंद होने वाले स्कूलों में ये कक्षाएं नवंबर व दिसंबर में लगाई जाएंगी। कक्षाएं 15 दिन तक लगेंगी और एक बैच में कम से कम बीस छात्र होंगे। इसके लिए एक या दो स्कूलों को एक साथ भी जोड़ा जा सकता है। इसमें सेवानिवृत्त अध्यापक अथवा बीएड पास्डआउट छात्रों की सेवाएं भी ली जा सकेंगी। योजना से पहले अध्यापकों को डाइट के तहत छह घंटे का ओरिएंटेशन प्रोग्राम आयोजित किया जाएगा। कक्षाएं शुरू करने से पहले एक बेसलाइन टेस्ट लिया जाएगा और उसी आधार पर कक्षाएं शुरू की जाएंगी। कक्षाओं के अंत में स्कूल के मुखिया की ओर से एक आंकलन परीक्षा भी ली जाएगी। इसके लिए अलग से बजट का प्रावधान किया गया है। स्कूलों में एसएमसी सदस्य छात्रों में हुए सुधार पर नजर रखेंगे। स्कूल मुखिया की ओर से आकलन रिपोर्ट सौंपी जाएगी।
अब दो तरह से होगा आकलन
छात्रों का आकलन फारमेटिव और समेटिव स्तर पर होगा। फारमेटिव में छात्रों को रोजाना दिए जाने वाले होमवर्क और अन्य गतिविधियों का आकलन होगा तो समेटिव में टेस्ट लिए जाएंगे।
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