प्रदेश में 76 कमांडो ड्यूटी को तैयार

By: Jan 24th, 2017 12:01 am

आईजी जीडी भार्गव ने दी शाबाशी, 37 महिला-39 पुरुष जवान ट्रेंड

मैहतपुर —  पुलिस कर्मियों का कमांडो टे्रनिंग में चयन उनकी मेहनत, लगन एवं अनुशासन के दम पर हुआ है। कड़ी ट्रेनिंग के बाद हिमाचल में पहली बार कमांडो बने पुलिस कर्मियों, जिनमें महिलाएं भी शामिल हैं, यह गर्व का विषय है कि महिलाएं भी किसी बात में पीछे नहीं हैं। ये शब्द धर्मशाला रेंज के आईजी जीडी भार्गव ने सोमवार को प्रथम आरक्षित वाहिनी वनगढ़ में 11 सप्ताह कमांडो ट्रेनिंग के समापन समारोह में कहे। उन्होंने कहा कि कमांडो को उन बेहद कठिन कार्यों के लिए लगाया जाता है, जहां लक्ष्य तक पहुंचने के लिए कमांडो के बाद कोई भी बहाना नहीं होता। कमांडो जोश एवं होश के साथ उस कार्य को अंजाम देता है, क्योंकि वह न तो अतिभावुक  होता है और न अति-उत्साहित होते हैं। कमांडो अपने लक्ष्य पर पहुंचने के लिए सहनशीलता, ठंडे दिमाग के साथ ईमानदारी से हर मुश्किल रास्तों से गुजरते हुए अपने लक्ष्य पर पहुंचते हैं और हर मुश्किल काम को सुलझाना ही कमांडो का मुख्य लक्ष्य होता है। इसमें कुल 76 कमांडो में से 37 महिलाओं व 39 पुरुषों ने टे्रनिंग ली। समारोह में बतौर मुख्यातिथि पहुंचे श्री भार्गव ने कहा कि सात नवंबर से शुरू होकर 11 सप्ताह तक की कमांडो ट्रेनिंग में आईआरबी वनगढ़ द्वितीय वाहिनी सकोह, तृतीय वाहनी पंडोह व प्रथम एचपीएपी जुन्गा से आए प्रशिक्षुओं ने ट्रेनिंग लेकर खुद इस काबिल बनाया कि वे अब देश के किसी भी हिस्से में सेवाए दे सकते हैं। आईटीबीपी से आए प्रशिक्षकों निरीक्षक रमेश चंद, टेक चंद, मुख्य आरक्षी सुरेंद्र कुमार, गौतम प्रसाद तथा पंकज कुमार ने प्रशिक्षुओं को प्रशिक्षत करने में मुख्य भूमिका निभाई। इस मौके पर मेधावी कमांडो को मुख्यातिथि ने स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया। इस मौके पर समादेशक एसआर राणा, उपसमादेशक सुरेश शर्मा, कुलवंत सिंह, कोर्स प्रभारी अजय राणा, डीएसपी हैडक्वार्टर कुलविंदर सिंह, डाइट देहलां के प्रिंसीपल कमलदीप सिंह, मुख्य आरक्षी दिलदार सिंह व देवेंद्र सिंह लक्की आदि उपस्थित थे।


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