प्रेरक प्रसंग

By: Jan 7th, 2017 12:15 am

लक्ष्य को लेकर एकाग्र रहें

एक बार स्वामी विवेकानन्द के आश्रम में बहुती दुखी और निराश व्यक्ति आया। वह व्यक्ति आते ही स्वामी जी के चरणों में गिर पड़ा और बोला कि महाराज मैं अपने जीवन से बहुत दुखी हूं। मैं अपने जीवन में कठोर मेहनत करता हूं, फिर भी सफलता हाथ नहीं लगती। मेरे भाग्य पर पता नहीं किस ग्रह ने कुंडली मारी हुई है। स्वामी जी उस व्यक्ति की मनोदशा को तुरंत ताड़ गए। उन्होंने अपने पालतू कुत्ते की तरफ संकेत करते हुए कहा कि ‘तुम कुछ दूर जरा मेरे कुत्ते को सैर करा लाओ, फिर मैं तुम्हारे सवाल का जवाब दूंगा। उसनेे बड़े आश्चर्य से स्वामी जी की ओर देखा और फिर अनमने भाव से कुत्ते को लेकर कुछ दूर निकल पड़ा। वापसी पर स्वामी जी ने पूछा कि यह कुत्ता इतना ज्यादा कैसे थक गया जबकि तुम तो अभी भी तरोताजा दिख रहे हो। उस व्यक्ति का जवाब था कि मैं तो सीधा अपने रास्ते पर चल रहा था, लेकिन यह कुत्ता गली के सारे कुत्तों के पीछे भाग रहा था और लड़कर फिर वापस मेरे पास आ जाता था। इस कुत्ते ने मेरे से कहीं ज्यादा दौड़ लगाई है, इसीलिए यह थक गया है। स्वामी ने कहा कि यही तुम्हारे सभी प्रश्नों का उत्तर भी है। लक्ष्य से भटकाव के कारण ही हम थकते भी हैं और हताश भी होते हैं। ध्यान यदि सदैव लक्ष्य पर रहे तो व्यक्ति इन दोनों समस्याओं से बच सकता है।


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