बर्फबारी ने गिराए 138 पेड़

By: Jan 17th, 2017 12:05 am

शिमला – शिमला शहर में खतरनाक पेड़ों ने न केवल शहर की जनता की नींद हराम कर रखी है, बल्कि इस बर्फबारी में लोगों को लगातार छह दिन तक अंधेरे में रहने पर मजबूर भी कर दिया। पूरे शहर में लगभग एक सप्ताह के बाद बिजली की आपूर्ति सुचारू हो सकी थी। शहर में बर्फबारी के बाद बिजली जाने का मुख्य कारण यही था कि खतरनाक पेड़ बिजली की ट्रांसमिशन लाइनों पर गिर गए और उन्होंने बड़े पैमाने पर ये लाइनें ध्वस्त कर दीं। इन खतरा बन चुके पेड़ों को काटने की इजाजत वन विभाग से नहीं मिल पाती। यही कारण है कि इस बर्फबारी में शहर में 138 पेड़ों ने आम जनता का जीना मुश्किल कर दिया था। पूरे शहर में 138 पेड़ हाल ही में हुई बर्फबारी ने गिरा दिए। यहां समरहिल, सांगटी, बालूगंज, टुटू, चक्कर, नाभा, फागली, न्यू शिमला व इसके साथ लगते क्षेत्र, जाखू, यूएस क्लब, लक्कड़ बाजार, भराड़ी, ईदगाह, संजौली आदि लगभग सभी क्षेत्रों में बिजली की ट्रांसमिशन लाइनों पर पेड़ गिरे। सबसे अधिक नुकसान 66 केवी की लाइन का हुआ है, जिसने पूरे शिमला की बत्ती गुल करके रख दी। बताया जाता है कि खतरनाक पेड़ों का सर्वे ट्री कमेटी या नगर निगम करती है, जिसमें बिजली बोर्ड की राय भी ली जाती है बावजूद इसके जो चिन्हित करवाए गए पेड़ हैं उनको काटने की पूरी तरह से इजाजत नहीं मिलती। सूत्रों के अनुसार बिजली बोर्ड ने नुकसान के बाद ये तय किया है कि वह अपने स्तर पर इन खतरनाक पेड़ों का सर्वेक्षण करेगा और ऐसे पेड़ों को चिन्हित करेगा, जो उनकी ट्रांसमिशन लाइनों पर कभी भी झूल सकते हैं। इनका सर्वेक्षण करने के बाद बोर्ड अपने स्तर पर इस रिपोर्ट को वन विभाग को और प्रदेश सरकार को सौंपेगा।


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