बर्फबारी में कारोबारियों की भी चांदी
कुल्लू — जिला मुख्यालय कुल्लू में बर्फबारी के बाद मनाली में बिजली गुल होने पर बढ़ी ठंड के बाद यहां सैलानी अब कुल्लू में ही रुकना पसंद कर रहे हैं। पिछले दो दिनों से घाटी में बारिश व बर्फबारी लगातार जारी रही। ऐसे में जो भी सैलानी यहा रविवार को बर्फ देखने की चाह से मनाली पहुंचे वे मनाली से अधिक कुल्लू में ही रुकना पंसद कर रहे हैं। मनाली में बिजली न होने के कारण से ठंड काफी अधिक है। निजी होटों में भी ठंड से बचने के लिए खास सुविधा नहीं है। ऐसे में सैलानी कुल्लू के होटलों में ही रुक रहे हैं। रविवार को भी सैलानियों का काफिला भारी संख्या में मनाली बर्फ देखने तो पहुंचा, लेकिन बर्फबारी का आनंद लेने के बाद सैलानियों ने सीधे कुल्लू का ही रुख किया। इससे कुल्लू के होटल कारोबारियों को भी लाभ मिला है। रविवार को सुबह से ही सैलानियों की आवाजाही मनाली के लिए लगी रही। सैलानियों ने यहां रायसन से आगे पड़ी बर्फ में जगह-जगह पर बर्फ के बीच खेलने का मनाली तक जमकर लुत्फ उठाया। यही नहीं कुल्लू सहित, पतलीकूहल, कटराईं, रायसन, डोभी, 15 मील में बने होटल मालिकों को भी बर्फबारी पर मनाली से लेकर पतलीकूहल तक शनिवार को जाम लगने के कारण से काफी लाभ मिला है। खाली पड़े होटल यहां सभी दो दिनों से पैक चल रहे हैं। रविवार को मनाली के माल रोड सहित अन्य पर्यटन स्थलों पर भी सैलानी यहां बर्फबारी का आनंद लेने के लिए पहुंचे। हालांकि रविवार को सुबह से ही धूप खिली रही। ऐसे में सैलानियों ने यहां स्नो प्वाइंट पर जाकर दिनभर मस्ती की।
बारिश से सूखे खेतों की बुझी प्यास
खराहल — जिला कुल्लू में बर्फबारी-बारिश किसानों-बागबानों की नकदी फसलों के लिए बरदान बनकर बरसी है। जिला में बर्फबारी-बारिश होने से किसानों-बागबानों के चेहरों पर रौनक आ गई है। कुल्लू के साथ लगती खराहल घाटी के किसानों-बागबानों की मानें तो लंबे समय से बारिश-बर्फबारी का वह इंतजार कर रहे थे। बर्फबारी-बारिश होने से उनकी नकदी फसलों को संजीवनी प्रदान हुई है। घाटी के बागबानों-किसानों मोहन लाल, किशोर ठाकुर, कृष्ण लाल, राम दास, ठाकुर चंद सहित अन्य का कहना है कि बर्फबारी-बारिश होने से उनकी नकदी फसलों को संजीवनी मिली है। सूखे की चपेट में आ रही फसलों में भी नई जान आ गई है।
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