बिजली बोर्ड को 12 करोड़ की चपत
सरकार ने जारी किए 5 करोड़ रुपए, विभाग ने फील्ड से मांगी विस्तृत रिपोर्ट
शिमला – हिमाचल प्रदेश में भारी बर्फबारी के बाद राज्य बिजली बोर्ड को काफी ज्यादा नुकसान उठाना पड़ा है। बिजली बोर्ड ने इसका प्रारंभिक आकलन करके रिपोर्ट सरकार को भेज दी है और अभी फील्ड से डिटेल रिपोर्ट मांगी गई है। अनुमान है कि बोर्ड का नुकसान 20 करोड़ रुपए से ऊपर जाएगा,लेकिन प्रारंभिक तौर पर उसे 12 करोड़ रुपए का नुकसान आंका गया है। सरकार को भेजी गई रिपोर्ट में फिलहाल यही आकलन दिया गया है, जिस पर राज्य सरकार ने बोर्ड को पांच करोड़ रुपए की धनराशि जारी भी कर दी है। बताया जाता है कि सरकार से जो राशि मिली है उसे बोर्ड ने फील्ड को जारी कर दिया है। बोर्ड को प्रदेश में छह स्थानों पर सबसे अधिक नुकसान हुआ है,जहां पर ट्रांसमिशन लाइनें बड़ी संख्या में टूटी हैं वहीं ट्रांसफार्मर भी कई जगह पर खराब हो गए हैं। सबसे अधिक एचटी लाइनें टूटी हैं,जिस कारण बिजली बहाली में कई दिन लग गए। चौपाल, शिमला, पांगी, भरमौर, तिस्सा और थुनाग के क्षेत्रों में ज्यादा नुकसान हुआ है। इनमें से चौपाल, पांगी, भरमौर, तीसा, थुनाग में अभी तक पूरी तरह से बिजली की आपूर्ति सुचारू नहीं हो सकी है। हालांकि बोर्ड दावे कर रहा है,लेकिन अभी भी कई स्थानों पर बिजली नहीं है। बोर्ड ने बिजली री-स्टोर करने के लिए सरकार से मदद मांगी है। उसे पांच करोड़ रुपए जारी किए गए हैं, लेकिन वह चाहता है कि प्रदेश सरकार और पैसा जारी करे, ताकि समय पर सभी काम किए जा सकें। बोर्ड की एचटी लाइनों के टूटने का क्रम सबसे अधिक रहा है। शिमला में ही उसकी दो 33 केवी की एचटी लाइनों पर इतने अधिक पेड़ गिर गए कि राजधानी में छह दिन के बाद बिजली की आपूर्ति को बहाल किया जा सका। इसी तरह से चौपाल में भी उसे बड़ा नुकसान हुआ है, जहां पर अभी भी लगभग दो सप्ताह बीतने पर भी पूरे इलाकों में बिजली की आपूर्ति बहाल नहीं हुई है। यहां पर कई ट्रांसफार्मर भी खराब हो चुके हैं।
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