बिलासपुर जाएगा कृषि अनुसंधान संस्थान

By: Jan 2nd, 2017 12:01 am

बिलासपुर – हिमाचल प्रदेश में महज कांगड़ा जिला के पालमपुर में संचालित व्यवस्थित कृषि अनुसंधान संस्थान (सिस्टेमेटिक फार्मिंग रिसर्च इंस्टीच्यूट) को बिलासपुर शिफ्ट करने के आदेश केंद्र से जारी हो चुके हैं। फरवरी से इंस्टीच्यूट बिलासपुर में कार्य शुरू कर देगा। इंस्टीच्यूट ने बाकायदा प्लानिंग भी तय कर ली है, जिसके तहत जिला के हर ब्लॉक में दो-दो गांव अडाप्ट किए जाएंगे और हर गांव में चार से पांच किसानों को सिस्टेमेटिक फार्मिंग सिखाई जाएगी। खबर की पुष्टि भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद की गवर्निंग बॉडी के सदस्य सुरेश चंदेल ने की है। रविवार को यहां विशेष बातचीत में उन्होंने बताया कि पालमपुर में चल रहे व्यवस्थित कृषि अनुसंधान संस्थान को बिलासपुर शिफ्ट किया जा रहा है। केंद्र से आदेश जारी होने के साथ ही बिलासपुर में कार्यालय खोलने को लेकर तय औपचारिकताएं भी पूरी कर ली गई हैं। संस्थान का पूरे प्रदेश में मात्र एक ही सब-सेंटर है, जिसका मुख्य कार्यालय मेरठ के समीप मोदीपुरम में है। इंस्टीच्यूट बिलासपुर शिफ्ट करने के लिए कृषि मंत्रालय भारत सरकार को एक प्रस्ताव भेजा गया था, जिसे हरी झंडी मिलने के बाद अब आदेश भी जारी हो चुके हैं। उम्मीद है कि जनवरी अंत या फिर फरवरी के शुरू में यह इंस्टीच्यूट बिलासपुर में कार्य शुरू करेगा। फिलहाल यह सब-सेंटर एक किराए के भवन में संचालित किया जाएगा और फिर बाद में इसका आधारभूत ढांचा विकसित किया जाएगा। इस संस्थान के बिलासपुर में खुलने से निश्चित तौर पर कृषि क्षेत्र में आधुनिक तकनीक विकसित होगी और किसान नई तकनीक के तहत खेतीबाड़ी कर सकेंगे। सेंटर में दो विशेषज्ञ और अन्य चार पांच कर्मचारियों का स्टाफ कार्यरत होगा।

मक्की और अरहर की नई तकनीक

मक्की और अरहर को नई तकनीक के तहत एक साथ कैसे उगाया जा सकता है, इसके बारे मंे भी किसानों को डेमो या अन्य प्रशिक्षण शिविरों के माध्यम से विस्तृत रूप से अवगत करवाया जाएगा। यही नहीं, वैज्ञानिक कृषि एरिया डिवेल्प करने के साथ साथ लावारिस पशुओं के आतंक से खेती को बचाने के लिए खेतों के चारों ओर फैंसिंग यानी बाड़ आदि लगाने और बाड़ में नींबू प्रजाति के फलों के साथ ही अन्य फलदार पौधे लगाने बाबत पूरी तकनीक सिखाएंगे।

 


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