बेमिसाल कप्तान का बेमिसाल निर्णय

By: Jan 6th, 2017 12:08 am

महेंद्र सिंह धोनी ने अपनी आत्मा की आवाज पर सही समय पर लिया सही फैसला

NEWSनई दिल्ली— महेंद्र सिंह धोनी ने कप्तानी के अपने कार्यकाल के दौरान अपनी आत्मा की आवाज पर सही समय पर सही निर्णय करने की क्षमता का अद्भुत उदाहरण पेश किया और एक बार फिर से उन्होंने अपने भारत के सीमित ओवरों के कप्तान पद से हटने का फैसला करके अपने इस कौशल को दिखाकर हर किसी को ‘स्टंप’ आउट करने में कोई कसर नहीं छोड़ी। किसी को पता नहीं कि धोनी ने अंग्रेजी की कविता ‘इनविक्टस’ पढ़ी थी या नहीं या उन्होंने हालीवुड अभिनेता मोर्गन फ्रीमैन की आवाज में यह सुना कि नहीं कि मैं अपने भाग्य का मालिक हूं, मैं अपनी आत्मा का कप्तान हूं। कविता का भाव भिन्न हो सकता है, लेकिन उसकी भावना कहीं न कहीं जुड़ी हुई है। धोनी ने बुधवार रात जब अपना फैसला सार्वजनिक किया तो उनके मन में कहीं न कहीं ऐसे भाव बने होंगे। सुनील गावस्कर के बाद किसी भी भारतीय क्रिकेटर ने इस तरह की शिष्टता और दूरदर्शिता का परिचय नहीं दिया जैसा कि झारखंड के इस क्रिकेटर ने बीसीसीआई के जरिए सीमित ओवरों की कप्तानी छोड़ने की घोषणा करके दिया। जब गावस्कर ने कप्तानी से हटने का फैसला किया तो उन्होंने 1985 में बेंसन एंड हेजेस विश्व चैंपियनशिप जीती थी। इसके बाद जब उन्होंने संन्यास लिया तो चिन्नास्वामी स्टेडियम में 1987 में 96 रन की जानदार पारी खेली थी। ये ऐसे दौर थे, जबकि लोग उनसे और खेलने की उम्मीद कर रहे थे। खिलाडि़यों को हम अमूमन यह कहते हुए सुनते हैं कि हम रिकार्ड के लिए नहीं खेलते लेकिन कितने इस पर अमल करते हैं।

शानदार कप्तानी के लिए धोनी को बधाई

NEWSनई दिल्ली— खेल जगत ने महेंद्र सिंह धोनी को उनकी शानदार कप्तानी करियर के लिए बधाई दी और दिग्गज क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर ने कहा कि यह दिन उनके सफल करियर का जश्न मनाने और फैसले का सम्मान करने का है। देश के सबसे सफल कप्तान धोनी ने बुधवार रात को भारत के सीमित ओवरों के कप्तान का पद छोड़कर सबको आश्चर्यचकित कर दिया। इस प्रकार उनका शानदार नेतृत्व का दौर समाप्त हुआ। धोनी के नेतृत्व में ही भारत ने दो विश्वकप और एक चैंपियंस ट्राफी जीती। तेंदुलकर ने अपने बधाई संदेश में कहा कि धोनी को टी 20 और वनडे विश्वकपों में सफलता हासिल कराने वाले भारत के कप्तान के रूप में शानदार करियर की बधाई। मैंने उन्हें आक्रामक खिलाड़ी से सटीक एवं निर्णायक कप्तान के रूप में उभरते देखा है।

खिलाड़ी के तौर पर देश को जरूरत

NEWSनई दिल्ली—सुनील गावस्कर ने कहा है कि उन्हें खुशी है कि महेंद्र सिंह धोनी ने वनडे उन्होंने कहा कि झारखंड का यह विकेटकीपर बल्लेबाज टीम को अभी और योगदान दे सकता है। सुनील ने कहा कि अगर उन्होंने एक खिलाड़ी के तौर पर भी संन्यास ले लिया होता तो फिर उनकी वापसी के लिए उनके घर के आगे धरने पर बैठने वाला मैं पहला व्यक्ति होता। एक खिलाड़ी के रूप में वह अब भी विस्फोटक है। वह एक ओवर में मैच का पासा पलट देता है। भारत को एक खिलाड़ी के रूप में उनकी सख्त जरूरत है।

इंटरनेशन क्रिकेट जगत मुरीद

नई दिल्ली — अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट समुदाय ने महेंद्र सिंह धोनी की जमकर तारीफ करके हुए उन्हें सर्वकालिक महान कप्तानों में से एक करार दिया। धोनी ने बुधवार रात भारत के सीमित ओवरों का कप्तान पद भी छोड़ दिया था। इंग्लैंड के पूर्व कप्तान माइकल वान ने धोनी को किसी क्रिकेट टीम की अगवाई करने वाला सर्वकालिक महान कप्तानों में से एक बताया। वान ने अपने ट्विटर पेज पर लिखा कि यहां तक कि सर्वकालिक महान कप्तानों में से एक ने फैसला कर लिया कि अब बहुत हो चुका। शाबाश धोनी एक अविश्सनीय कप्तानी दौर के लिए। आस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान और 2015 में विश्व कप जीतने के बाद अपना पद छोड़ने वाले माइकल क्लार्क ने भी धोनी की जमकर तारीफ की और कहा कि वह अभी भारतीय क्रिकेट में अहम योगदान दे सकते हैं। क्लार्क ने अपने ट्विटर पेज पर लिखा कि धोनी को भारत के सबसे सफल कप्तानों में से एक के रूप में याद किया जाएगा। वह बेहतरीन इनसान हैं और अब भी भारतीय क्रिकेट में काफी योगदान दे सकता है।

कप्तानी छोड़ने के पांच अहम कारण

1. फ्लॉप बल्लेबाजी—27.80 की औसत से धौनी ने पिछले 13 वनडे मैचों में सिर्फ 278 रन बनाए। पिछले काफी समय से वह तेजी से रन भी नहीं जुटा पा रहे थे।

2. कप्तानी में नयापन नहीं—कई दिग्गजों का मानना था कि धोनी की कप्तानी में नयापन नहीं रह गया है और वह काफी डिफेंसिव हो गए हैं। भारत ने 2015 में द. अफ्रीका के खिलाफ वनडे और टी-20 घरेलू सीरीज गंवाई। बांग्लादेश में टीम 1-2 से और ऑस्ट्रेलिया में 1-4 से हारी।

3. विराट की दावेदारी—टेस्ट में विराट कोहली की शानदार कप्तानी और बल्लेबाजी से दावा ठोका। इससे धोनी की आलोचना शुरू हुई और उन पर दबाव बढ़ा।

4. विश्वकप की तैयारी—भारत का पिछले वनडे विश्वकप और टी-20 विश्वकप में प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा। यह सवाल उठने लगे कि अब टीम को अगले विश्व कप के लिए नए कप्तान की जरूरत है, जो टीम में नया जोश भर सके

5. फिटनेस पर सवाल—धोनी की फिटनेस पर भी अंगुली उठने लगी। धौनी 35 साल के हो गए हैं और उम्र असर दिखाने लगी है।

जबरदस्त रिकार्ड, तोड़ना कठिन

दुनियाभर के धुरंधर कप्तानों को पीछे छोड़ते हुए कई विश्व रिकार्ड बनाने वाले महेंद्र सिंह धौनी ने बुधवार की देर शाम को वनडे और टी ट्वेटी से कप्तानी छोड़ने का फैसला लिया। हालांकि अभी वह क्रिकेट खेलते रहेंगे, लेकिन कप्तान के रूप में अब टीम को लीड करते हुए नहीं दिखेंगे। इंग्लैंड के खिलाफ 15 जनवरी से होने वाले वनडे मैच में टीम के सदस्य तो होंगे। सबसे ज्यादा मैच जिताने में विश्व में दूसरे नंबर पर महेंद्र सिंह धोनी एक ऐसा नाम, जिसे क्रिकेट इतिहास में हमेशा जाना जाता रहेगा। इसके कई ऐसे कारण हैं, जिसे जानकर आश्चय होगा। उन्होंने एकदिवसीय क्रिकेट मैच में कप्तान के रूप में कुल 199 मैच खेले हैं। जिसमें 110 मैच टीम इंडिया को जिताया, जबकि 74 मैचों में हार का सामना करना पड़ा है।

सबसे ज्यादा मैच खेलने वाले तीसरे खिलाड़ी

धोनी वनडे में बतौर कप्तानी करते हुए तीसरे ऐसे खिलाड़ी बन गए हैं, जिन्होंने सबसे ज्यादा मैच खेले हैं। इसमें सबसे पहले स्थान पर आस्ट्रेलिया के रिकी पोंटिंग हैं, जिन्होंने 230 मैच खेले हैं। वहीं, दूसरे स्थान पर न्यूजीलैंड के स्टिफेन फ्लेमिंग ने 218 मैच खेलें हैं, जबकि तीसरे स्थान पर महेंद्र सिंह धोनी ने 199 मैच खेले।

मैच जिताने में देश के एकमात्र कप्तान

अभी तक के भारतीय क्रिकेट इतिहास में महेंद्र सिंह धोनी ऐसे एकलौते कप्तान बन गए हैं, जिन्होंने एकदिवसीय मैचों में कप्तान के रूप में न सिर्फ सबसे मैच खेले हैं, बल्कि सबसे ज्यादा मैच जिताए हैं। उन्होंने 59.57 औसत से मैच भारतीय टीम को मैच जिताए हैं। कप्तान के रूप में कुल 199 मैचों में 110 मैच जिताए, जबकि 74 मैचों में हार का सामना करना पड़ा। दूसरे स्थान पर मोहम्मद अजरूद्दीन हैं, जिन्होंने 174 मैचो में 90 मैच जिताया और 76 मैच हार गए।


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