भरमौरी का जैविक खेती पर जोर

By: Jan 8th, 2017 12:01 am

मुंबई में वन मंत्री का केंद्रीय मत्स्यिकी प्रशिक्षण संस्थान के वैज्ञानिकों से आह्वान

 शिमला— वन एवं मत्स्य मंत्री ठाकुर सिंह भरमौरी मत्स्यिकी विकास को लेकर महाराष्ट्र एवं केरल के भ्रमण पर हैं। इस प्रवास में निदेशक एवं प्रारक्षी मत्स्य भी इनके साथ हैं। प्रवास के प्रथम चरण में पांच जनवरी को उन्होंने केंद्रीय मत्स्यिकी प्रशिक्षण संस्थान (भारतीय कृषि एवं अनुसंधान परिषद) मुंबई का भ्रमण किया। इस संस्थान के निदेशक डा. गोपाल कृष्ण ने उनकी अगवानी की तथा संस्थान के वरिष्ठ वैज्ञानिकों के साथ एक अहम बैठक में जानकारी दी। यह संस्थान देश में मत्स्यिकी ज्ञान के बारे में प्रशिक्षण देने के लिए अहम भूमिका निभा रहा है। इस संस्थान में मात्स्यिकी विश्वविद्यालय भी चल रहा है। इसमें देश के विभिन्न प्रांतों से नौजवान मत्स्यिकी संबंधी स्नातकोत्तर की शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं। श्री भरमौरी ने उक्त संस्थान के वैज्ञानिकों के साथ हुई बैठक के दौरान जैविक कृषि व संबंधित कार्यों को अपनाने पर बल दिया। उन्होंने बताया कि निजी क्षेत्र में ट्राउट मछली के पालन के क्षेत्र में जहां प्रदेश राष्ट्रीय स्तर पर प्रथम स्थान पर है, वहीं प्रदेश का गोबिंदसागर जलाश्य राष्ट्रीय स्तर पर प्रति हेक्टेयर सर्वाधिक उत्पादन के लिए प्रख्यात है। उन्होंने संस्थान के वैज्ञानिकों से आह्वान किया कि प्रदेश में आधुनिक तकनीकों को अपनाते हुए मछली उत्पादन में बढ़ोतरी लाने में वे सहयोग करें। संस्थान के निदेशक डा. गोपाल कृष्ण, डा. नरेंद्र चड्डा प्रधान वैज्ञानिक, डा. साहू व अन्य वैज्ञानिकों ने राज्य में मत्स्यिकी विकास के लिए अधिकारियों, कर्मचारियों व मत्स्य पालकों को आधुनिक तकनीकों पर प्रशिक्षण देने का भरोसा दिया। मंत्री ने पांच जनवरी को ही महाराष्ट्र के मत्स्यिकी निदेशालय का भी भ्रमण किया गया। उक्त विभाग के मत्स्यिकी आयुक्त एमएन मावेड़कर ने उनके प्रदेश की मत्स्यिकी गतिविधियों की जानकारी दी तथा तारापुरवाला एक्वेरियम का भी भ्रमण करवाया। वास्तव में मंत्री ठाकुर सिंह भरमौरी का यह भ्रमण हिमाचल में उच्च स्तर के एक्वेरियम हाउस स्थापित करने की योजना को लेकर किया जा रहा है।


Keep watching our YouTube Channel ‘Divya Himachal TV’. Also,  Download our Android App