भूटान के घायलों का दिल्ली में होगा इलाज

By: Jan 23rd, 2017 12:07 am

newsस्वारघाट —  बनेर के पास हुए बस हादसे के घायलों को प्रशासन की तरफ से 2500-2500 रुपए की फौरी राहत प्रदान की गई है। इसके साथ ही नालागढ़ रैफर किए गए दस पर्यटकों को दिल्ली पहुंचाने का इंतजाम किया है। प्रशासन के अधिकारी राहत एवं बचाव कार्यों के लिए पूरी रात भर मोर्चा संभाले रहे। जानकारी के अनुसार राष्ट्रीय उच्च मार्ग 21 चंडीगढ़-मनाली पर शनिवार देर शाम मणिकर्ण से दिल्ली जा रही एक पर्यटक बस, जिसमें सभी पर्यटक भूटान के थे, केवल ड्राइवर व कंडक्टर ही भारतीय थे। स्वारघाट से करीब पांच किलोमीटर दूर बनेर शिव मंदिर के समीप सड़क से लुढ़क गई थी। बस में करीब 43 पर्यटक सवार थे, जिनमें दस लोगों को मामूली चोटें आई थी, उनका पीएचसी स्वारघाट में तथा 27 पर्यटकों को एफआरयू नालागढ़ तथा गंभीर रूप से घायल छह पर्यटकों को रात को ही पीजीआई रैफर किया गया था। रविवार सुबह तक कुल 11 पर्यटकों को पीजीआई रैफर किया जा चुका है। सभी घायलों की हालत खतरे से बाहर बताई जा रही है। इस हादसे में स्थानीय प्रशासन व पुलिस प्रशासन ने राहत एवं बचाव कार्यों में शनिवार देर रात तक मोर्चा संभाले रखा। स्थानीय प्रशासन ने दस घायल भूटानी पर्यटकों को पीएचसी स्वारघाट में प्राथमिक उपचार के बाद उनके रहने व खाने-पीने की व्यवस्था वन विभाग के स्वारघाट विश्राम गृह में की। स्वारघाट विश्राम गृह में रहे दस भूटानी पर्यटकों व उनके सामान को रविवार को प्रशासन व पुलिस ने आवश्यक कार्रवाई के बाद अलग-अलग वाहनों के माध्यम नालागढ़ भेज दिया तथा प्रशासन की तरफ  से तहसीलदार स्वारघाट जसपाल स्वयं पर्यटकों के साथ नालागढ़ गए। यही नहीं, स्थानीय प्रशासन ने नालागढ़ में सभी पर्यटकों को इकट्ठा कर उन्हें दिल्ली भेजने का भी पूरा इंतजाम किया है। हादसे में पर्यटकों के इलाज व संवाद में भाषा भी रोड़ा बनी रही, लेकिन दो भूटानी पर्यटकों एक महिला व एक पुरुष को हिंदी बोलने व समझने आती थी, जिसके चलते सवांद हो सका।

सुविधाओं से पर्यटक थे खुश

नीम पेंजोर, देनकर, दोरजी वांगमो, तेश्वंग नमग्येल, येशे लामो, सोनम पेंजोर, ग्येम लेहम, थोंगले, डेंपा लहम, सनसे डेमा आदि ने प्रदेश सरकार, स्थानीय प्रशासन व पुलिस प्रशासन की काफी सराहना की। उन्होंने कहा कि उन्हें प्रशासन द्वारा रहने-खाने व इलाज की पूर्ण सुविधा दी है। साथ ही भूटानी पर्यटकों ने स्थानीय लोगों की भी काफी प्रशंसा की। पर्यटकों ने बताया कि देर रात जब टीवी के माध्यम से भूटान में खबर पहुंची तो भूटान के राजा जिग्मे खेसर नाग्याल वांगचुक ने उनसे फोन पर बात कर उनका हालचाल पूछा।

चीड़ के पेड़ ने बचाई 43 जिंदगियां

बनेर बस हादसे में यूपी नंबर की बस चढ़ाई में पहले तो पीछे हटी और फिर दो पलटे खाने के बाद चीड़ के पेड़ से टकराकर रुक गई, जिससे बस में सवार 43 पर्यटकों को चोटें आई हैं। चीड़ के पेड़ ने 43 जिंदगियों  को  काल का ग्रास बनने से बचा लिया।


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