महिलाओं के खिलाफ क्राइम में कमी
पिछले तीन सालों के मुकाबले 2016 में कम मामले हुए दर्ज
पालमपुर — प्रदेश में महिलाओं के खिलाफ अपराध में 2016 में पिछले कुछ वर्षों के मुकाबले कमी दर्ज की गई है। हालांकि बीते साल महिलाओं के खिलाफ क्राइम के हर माह औसतन 100 से अधिक मामले सामने आए हैं। आंकड़े बताते हैं कि 2016 में महिलाओं के साथ हुए अपराधों की संख्या 1216 रही, जबकि 2013 में यह आंकड़ा 1596, 2014 में 1576 और 2015 में 1314 था। बीते वर्ष प्रदेश भर में 244 महिलाएं रेप का शिकार बनीं। यह आंकड़ा 2014 में भी 244 था, जबकि 2014 में 288 महिलाएं दुराचार का शिकार बनीं थी। हालांकि चिंता का विषय यह है कि 2013 के बाद से महिलाओं से दुराचार का ग्राफ हर साल 250 के आसपास ही रहा है। बीते साल महिलाओं के अपहरण के मामले में अपेक्षाकृत कमी रही और 2013 में 288, 2014 में 243 तथा 2015 में 243 के मुकाबले यह आंकड़ा 191 रहा। महिलाओं से छेड़छाड़, मोलेस्टेशन के ग्राफ में भी पिछले तीन वर्षों के मुकाबले कमी देखने को मिली है। 2013 में प्रदेश भर में महिलाओं से छेड़छाड़ की 493, 2015 में 519 और 2016 में 433 घटनाएं सामने आई थीं, जबकि 2016 में 405 मामले दर्ज किए गए। ईव टीजिंग का ग्राफ भी पिछले कुछ वर्षों में गिरा है, जिससे पुरुषों की बदलती मानसिकता का संकेत मिल रहा है। पुलिस थानों में 2013 में ईव टीजिंग के 105, 2014 में 76 और 2015 में 59 मामले दर्ज किए गए थे, तो 2016 में यह आंकड़ा 50 रहा है। उधर, महिलाओं के प्रति क्रूरता के मामलों में भी प्रदेश में कमी देखी जा रही है। आंकड़े बताते हैं कि 2013 में जहां प्रदेश में इन मामलों की संख्या चिंताजनक तौर पर 328 रही थी वह 2014 में कम होकर 325, 2015 में 226 और 2016 में 214 पर पहुंची है। आंकड़े बताते हैं कि 2006 में प्रदेश भर में महिलाओं के खिलाफ विभिन्न क्राइम के 874 मामले सामने आए थे, जबकि उसके बाद से हर साल यह संख्या हजार से अधिक दर्ज की गई।
कब, कितने मामले बने
साल मामले
2006 874
2007 1132
2008 1104
2009 1083
2010 1145
2011 1112
2012 1024
2013 1596
2014 1576
2015 1314
2016 1216
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