माईपुल में आज लगेगी आस्था की डुबकी

By: Jan 14th, 2017 12:05 am

ठियोग – मकर संक्रांति के अवसर पर शनिवार को ठियोग के धार्मिक स्थल माईपुल में तैयारियों को अंतिम रूप दे दिया गया है। सुबह चार बजे के करीब स्नान के लिए कपाट खोले जाएंगे और यहां विशेष स्नान के लिए लोगों का काफी हुजूम देखने को मिलेगा। प्रबंधन कमेटी के अनुसार विशेष गोताखोरों को भी बुलाया गया है, जिससे किसी भी प्रकार की अनहोनी से बचा जा सके। मंदिर के पुजारी हेतराम ने बताया कि सुबह करीब चार बजे से ही मंदिर के कपाट खोल दिए जाएंगे और घाट पर स्नान करने वालों की सुबह से ही श्रद्धालुओंं की विशेष भीड़ रहेगी। इस अवसर पर माईपुल भूतेश्वर मंदिर में भंडारे का भी आयोजन किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि देव आस्था से जुड़े इस पवित्र स्थल पर धार्मिक पर्व को लेकर लोगों की विशेष भीड़ रहेगी, जिसके लिए लोगों के ठहरने से लेकर उनके खाने-पीने का भी मंदिर कमेटी द्वारा इंतजाम किया गया है। मकर संक्रांति को लेकर ठियोग की विभिन्न देवठियों में पूजा-अर्चना भी की जाएगी। इस पर्व को लेकर कुछ लोग ठियोग से हरिद्वार भी जाते हैं, जबकि कुछ लोगों ने घरों में स्नान आदि करके अपने ईष्ट की पूजा करेंगे। ऊपरी शिमला में मकर संक्रांंित का अपना एक विशेष महत्त्व है। इस दिन लोग घरों की सफाई आदि करके सुबह पहले रसोईघर में अग्नि की पूजा करते हैं, जिसके लिए गुढ़, जौ, तिल पाजा, चावल, धूप, घी आदि सामग्री लेकर आग की पूजा की जाती है। इसके अलावा घरों में तिल गुढ़ और घी के विशेष तरह के लड्डू भी बनाए जाते हैं और इसे गांव के बच्चों में भी बांटा जाता है। इसे तलोए कहते हैं, जबकि इसके अलावा गाय के लिए भी मक्की के आटे, तिल, जौ आदि को मिलाकर गाय को खिलाया जाता है। लोग इस दिन कपड़ा आदि भी दान करते हैं और गांव में छोटे बच्चे दूसरे लोगों के घरों में दान लेने जाते हैं। मकर संक्रांति के अवसर पर ठियोग की प्रसिद्ध देवठियों में कलाहर कामाक्षा माता मंदिर के अलावा गुठाण डोम, देवता चिखड़ेश्वर शड़ी माता मंदिर के अलावा धरेच की देवी जैईश्वरी मंदिर में विशेष पूजा-अर्चना की जाती है और काफी अधिक संख्या में लोग एकत्र होते हैं। इस पर्व का अपना एक विशेष महत्त्व है। कुछ लोग इस दिन अपने ग्रहों की शांति के लिए तुलादान आदि भी करवाते हैं। मकर संक्रांति को लेकर सबसे अधिक भीड़ माईपुल में ही थी, जहां पर हजारों श्रद्धालुओं ने स्नान किए। मकर संक्रांति को लेकर लोग अपने घरों में सबसे पहले आग की पूजा करते हैं, जिसके बाद खिचड़ी बनाई जाती है। एक विशेष तरह के लड्डू ऊपरी शिमला में मकर संक्रांति पर बनते हैं, जिसे तलोए कहा जाता है। इसमें गुढ़, तिल, घी आदि मिला होता है।

 


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