माननीय संपत्ति बताने में बेहद सुस्त

By: Jan 6th, 2017 12:02 am

उत्तराखंड विधानसभा सचिवालय से उपलब्ध सूचना ने किया खुलासा

देहरादून —  उत्तराखंड के गठन से लेकर नवंबर, 2016 तक विधानसभा के अभिलेख बताते हैं कि बड़ी संख्या में मंत्री, विधायक पद संभालने के बाद अपना कोई संपत्ति विवरण नहीं देते। विधानसभा सचिवालय द्वारा सूचना अधिकार कार्यकर्ता नदीम उद्दीन एडवोकेट को उपलब्ध कराई गई सूचना से यह खुलासा हुआ है। राज्य की वर्तमान विधानसभा में 70 में से 36 विधायकों तथा पांच मंत्रियों ने अभी तक अपना संपत्ति विवरण विधानसभा सचिवालय को नहीं दिया है। वहीं पिछली विधानसभा में दो मंत्रियों तथा 33 विधायकों ने संपत्ति विवरण नहीं दिया था। इसके अतिरिक्त, 2002 की प्रथम निर्वाचित विधानसभा के तीन मंत्रियों तथा 20 विधायकों ने संपत्ति  विवरण नहीं दिया था। इतना ही नहीं प्रथम अंतरिम विधानसभा के सात सदस्यों ने अपना संपत्ति  विवरण नहीं दिया था। काशीपुर निवासी सूचना अधिकार कार्यकर्ता नदीम उद्दीन ने उत्तराखंड की विधानसभा के लोक सूचना अधिकारी से विधायकों के संपत्ति  विवरणों संबंधी सूचना मांगी थी। दिसंबर, 2016 में  विधानसभा के लोक सूचना अधिकारी, उपसचिव मनोज कुमार द्वारा विधायकों मंत्रियों के संपत्ति विवरण संबंधी गजट अधिसूचनाओं की सत्यापित फोटो प्रतियां श्री नदीम को उपलब्ध कराई गई हैं। श्री नदीम को उपलब्ध कराई गई उत्तराखंड की पहली अंतरिम विधानसभा कार्यकाल में प्रकाशित संपत्ति  विवरण अंतिम गजट अधिसूचना 18 मई 2001 के अनुसार सात विधानसभा सदस्यों ने इस तिथि तक अपना कोई संपत्ति विवरण नहीं दिया है। इसमें तत्कालीन विधायक तिलक राज बेहड़, काजी मोहम्मद मोइउद्दीन, अंबरीश कुमार, मुन्ना सिंह चौहान, राम सिंह सैणी, इंदिरा हृदयेश तथा ईशम सिंह शामिल थे। उत्तराखंड की पहली निर्वाचित विधानसभा के कार्यकाल में प्रकाशित संपत्ति विवरण अंतिम गजट अधिसूचना तीन अगस्त 2005 के अनुसार इस तिथि तक वर्ष 2001-02 के संपत्ति दायित्त्वों का विवरण तत्कालीन तीन मंत्रियों गोविंद सिंह कुंजवाल तथा महेंद्र सिंह महरा व राज्य मंत्री साधू सिंह ने नहीं दिया था। इसके अतिरिक्त 20 विधायकों ने भी यह विवरण नहीं दिया था। इसमें विधायक किशोर उपाध्याय, गणेश गोदियाल, दिनेश अग्रवाल, डा. प्रताप बिष्ट, रणजीत सिंह रावत, सुबोध उनियाल, सुरेंद्र सिंह नेगी, अरविंद पांडे, कैलाश शर्मा, गोविंद लाल शाह, चंद्रशेखर, अजय भट्ट, त्रिवेंद्र सिंह रावत, काजी निजामुद्दीन, मदन कौशिक, चौ. यशवीर सिंह, हरिदास, काशी सिंह ऐरी, नारायण सिंह जंतवाल तथा पुष्पेश त्रिपाठी शामिल थे। दूसरी निर्वाचित विधानसभा के कार्यकाल में प्रकाशित संपत्ति विवरण अंतिम गजट अधिसूचना 26 दिसंबर, 2011 के अनुसार इस तिथि तक कोई भी संपत्ति विवरण न देने वाले 2 मंत्री तथा 33 विधायक थे। श्री नदीम को उपलब्ध कराए गए संपत्ति  संबंधी नवीनतम गजट अधिसूचना 17 फरवरी, 2016 के अनुसार वर्तमान विधानसभा में पांच मंत्रियों तथा 36 विधायकों ने अपना संपत्ति दायित्वों का विवरण नहीं दिया है। उल्लेखनीय है कि उत्तराखंड में लागू उ.प्र. मंत्री तथा विधायक अधिनियम 1975 की धारा तीन के अंतर्गत नियुक्ति के तीन माह के अंदर विधायक व मंत्रियों को  अपने परिवार की संपत्ति तथा दायित्वों का विवरण विधानसभा में देना होता है। इसके अतिरिक्त हर वित्तीय वर्ष का संपत्ति प्राप्ति तथा खर्च का वार्षिक विवरण 30 जून तक देना होता है। धारा छह के अंतर्गत गजट में विवरण न देने वालों के नामों सहित विधानसभा में गजट में प्रकाशित कराया जाता है।


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