मिल्क फेडरेशन का खर्चा 20 हजार बढ़ा

By: Jan 11th, 2017 12:02 am

विद्युत आपूर्ति ठप होने से डीजल के जरिए तैयार करने पड़े बिस्कुट

शिमला – विद्युत आपूर्ति ठप होने का असर हिमाचल प्रदेश मिल्क फेडरेशन को भी भुगतना पड़ा है। आंगनबाड़ी केंद्रों को लाखों के बिस्कुट सप्लाई करने वाली फेडरेशन को यह माल डीजल खपत से तैयार करना पड़ा है। हालांकि घी, दूध, पनीर व मक्खन समेत अन्य उत्पाद तैयार करने की कोई दिक्कतें पेश नहीं आई है। क्योंकि इन पर आधारित फेडरेशन के प्लांट्स दत्तनगर, मंडी व कांगड़ा में स्थित हैं, जहां आपूर्ति संबंधी कोई दिक्कतें नहीं थी। फेडरेशन के एमडी एके ठाकुर ने बताया कि फेडरेशन एमआरपी पर आंगनबाड़ी केंद्रों को यह बिस्कुट सप्लाई करती है, लिहाजा विद्युत आपूर्ति बाधित के कारण जो वैकल्पिक व्यवस्था अपनाई गई, उसका अतिरिक्त खर्च निगम को ही वहन करना होगा। पिछले दो दिन ही यह 20 हजार का आंकड़ा पार करने लगा है। फेडरेशन में बिस्कुट उत्पादन के लिए 50 वर्कर लगाए गए हैं। निगम के प्रबंध निदेशक का कहना था कि उनके पास दो ही विकल्प थे। या तो बिजली आपूर्ति सरल होने तक काम रोक दिया जाता या फिर वैकल्पिक व्यवस्था अपनाई जाती। इसके तहत ही पिछले दो दिनों में 250 लीटर डीजल की खपत डीजी सेट में हो चुकी है, जिसका अतिरिक्त खर्च फेडरेशन को ही वहन करना होगा। उन्होंने बताया कि गनीमत यह रही कि लोहड़ी का सामान पहले ही तैयार कर लिया गया था।

लोहड़ी का सामान पहले ही तैयार

मिल्कफेड ने लोहड़ी त्योहार से काफी पहले 30क्विंटल उत्पाद बाजार में उतारने के लिए तैयार कर लिए थे। इनमें विभिन्न किस्मों की गच्चकें, तिलफुगा, तिलपट्टी व खस्ता रोल समेत अन्य उत्पाद शामिल हैं। मिल्क फेडरेशन के एमडी एके ठाकुर के मुताबिक फेडरेशन के शुद्ध उत्पाद की ज्यादा डिमांड की वजह से इस बार आठ क्विंटल सामान ज्यादा बनाया गया है। पिछले वर्ष यह दर 22 क्विंटल की थी। सबसे ज्यादा मंडी व अन्य जिलों को सप्लाई किया गया है।


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