राजधानी में ‘सुंदर मुंदरिए हो’

By: Jan 14th, 2017 12:07 am

newsशिमला  – शिमला शहर में लोहड़ी के पर्व पर बाजारों में रौनक लगने के साथ ही घरों में भी दिन भर लोहड़ी के पर्व पर रस्मों की अदायगी चलती रही। शिमला में लोहड़ी का यह पर्व बड़े ही हर्षोल्लास से मनाया गया। शहर वासियों ने दिन भर अपने मित्रों और सगे-संबंधियों को लोहड़ी बांट कर पर्व की रस्में निभाई और एक दूसरे को पर्व की बधाई दी। वहीं इस पर्व के चलते शहर के बाजारों में भी खुब रौनक रही। घरों में जहां गुड़, गज्जक, मूंगफली खाने और बांटने का दौर खूब चला और बड़े लोगों ने एक-दूसरे को इस पर्व की  बधाई दी तो वही बच्चे भी इसे लेकर काफी उत्साहित दिखे। सुबह से ही बच्चों की टोलियां घर-घर जाकर सुंदर-मुंदरिए लोहड़ी का गीत गाकर लोहड़ी मांगते हुए नजर आए। लोगों द्वारा उन्हें लोहड़ी के रूप में पैसे, मूंगफली गज्जक बच्चों को दी गई। लोहड़ी पर्व पर लोहड़ी जलाने की परंपरा को पूरा करने के लिए शिमला में जगह-जगह आग के अंगीठी जला कर लोहड़ी पूजन किया गया। इन अंगीठियों के इर्द-गिर्द खड़े होकर लोगों ने लोहड़ी का पूजन किया और आग जलाकर लोहड़ी का जश्न मनाया गया। इस लोहड़ी पूजन के साथ लोगों ने गुड़, गजक, मूंगफली, तिल और रेवड़ी का भोग भी लगाया। लोहड़ी जलाने के बाद लोगों ने प्रसाद के रूप में गुड़, तिल के लड्डु, मुंगफली, रेवड़ी एक दूसरे में बांटी। इस पर्व को मनाने के लिए आग जलाने और लोहड़ी पूजन के साथ-साथ ढोल-नगाड़ों और संगीत की धुनों पर शिमला वासियों ने जमकर डांस किया। जहां कुछ लोगों ने इस पर्व पर एक साथ एकत्र होकर लोहड़ी का जश्न मनाया तो वहीं कुछ लोगों द्वारा अपने घरों में भी लोहड़ी का विशेष जश्न मनाया गया।

ढोल-नगाड़ों की धुनों पर झूमे लोग

लोहड़ी पर्व के लिए जहां शिमला शहर में लोगों ने इस त्योहार को बड़े ही धूम-धाम से मनाया वहीं उपनगरों में भी इस त्योहार की रौनक देखी गई। लक्कड़ बाजार सहित संजौली, छोटा शिमला में भी  लोगों ने एक साथ मिलकर लोहड़ी पर्व मनाया और ढोल नगाड़ों की धुनों पर जमकर थिरके।

नौनिहालों ने घूम-घूम कर मांगी लोहड़ी

लोहड़ी के पर्व पर बच्चों ने खूब मस्ती की। घर से बाहर आस पड़ोस में बच्चों ने घूम-घूम कर लोहड़ी मांगी। जिसमें मिले पैसों से मूंगफली, गुड, गजक खरीद कर बच्चों ने आपस में बांटी।

खिचड़ी खाना माना जाता है शुभ

मकर संक्रांति पर्व पर जहां तिल, गुड़ और मूंगफली का विशेष महत्त्व होता है, वहीं इस दिन पर काले माश की खिचड़ी खाना भी शुभ माना जाता है। सर्दियों के समय आने वाले इस त्योहार में घी के साथ खिचड़ी खाने की मान्यता है। खिचड़ी के बिना संक्रांति के इस त्योहार को अधूरा माना जाता है।


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