रिसर्च प्रोजेक्ट्स जांचेगी यूजीसी

By: Jan 11th, 2017 12:01 am

20 फरवरी से मूल्यांकन करेगा विश्वविद्यालय अनुदान आयोग

शिमला  —  हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय सहित अन्य विश्वविद्यालयों में चल रहे मेजर रिसर्च प्रोजेक्ट के मूल्यांकन कार्य के लिए तैयार रहना होगा। यह मिड टर्म मूल्यांकन विश्वविद्यालय अनुदान आयोग की ओर से किया जाएगा। इसके लिए मिड टर्म मूल्यांकन मीटिंग का आयोजन यूजीसी करेगा। इसके लिए निर्देश यूजीसी की ओर से जारी कर दिए गए हैं। यूजीसी की ओर से यह मिड टर्म मूल्यांकन उन मेजर रिसर्च प्रोजेक्ट को लेकर किया जा रहा है जो 2014 में शिक्षण संस्थानों को मंजूर किए गए थे। इन प्रोजेक्ट पर कार्य कर रहे प्रिंसीपल इन्वेस्टीगेटर को मूल्यांकन प्रक्रिया में भाग लेना होगा, जिन विषयों में ये मेजर प्रोजेक्ट्स यूजीसी द्वारा मंजूर किए गए हैं, उसमें साइंस, इंजीनियरिंग और टेक्नोलॉजी शामिल हैं। शेड्यूल के मुताबिक 20 फरवरी से लेकर दो मार्च तक यह मूल्यांकन प्रक्रिया यूजीसी की विशेषज्ञों की टीम द्वारा पूरी की जाएगी। इस मूल्यांकन के दौरान शोध प्रोजेक्ट में क्या कार्य अभी तक हुआ है। कितना बजट इस शोध कार्य के तहत खर्च किया गया है औक आगामी समय में क्या कार्य प्रोजेक्ट में किया जाना है इसका पूरा ब्यौरा यूजीसी की एक्सपर्ट टीम द्वारा प्राप्त किया जाएगा। इसके लिए यूजीसी ने मूल्यांकन से जुड़ा पूरा फार्मेट भी यूजीसी ने तैयार किया है। यूजीसी ने यह स्पष्ट किया है कि अगर प्रिंसीपल इन्वेस्टीगेटर इस मूल्यांकन मीटिंग में भाग नहीं लेते हैं तो यूजीसी शोध प्रोजेक्ट को रद्द कर देगी। इसके बाद शोध प्रोजेक्ट के लिए दी गई राशि भी प्रिंसीपल इन्वेस्टीगेटर को ही यूजीसी को वापस लौटानी होगी।

बायो टेक्नोलॉजी डिपार्टमेंट की परीक्षा

एचपीयू के बायोटेक्नोलॉजी विभाग को भी यूजीसी की इस योजना के तहत मेजर रिसर्च प्रोजेक्ट दिया गया है। इस प्रोजेक्ट की इवैल्यूएशन 21 फरवरी को एक्सपर्ट कमेटी द्वारा की जाएगी।


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