विधवा की जमीन पर कब्जे के अपने-अपने तर्क

By: Jan 7th, 2017 12:05 am

शिलाई —  शिलाई के पूर्व विधायक हर्षवर्धन चौहान पर नाया गांव की एक विधवा महिला की जमीन पर कब्जा करने के जो आरोप स्थानीय विधायक बलदेव सिंह तोमर ने लगाया है वह क्षेत्र में चर्चा का विषय बन गया है। चर्चाओं का बाजार इस बात को लेकर भी गरम है और स्वर यह भी उठने लगे हैं कि क्या हर्षवर्धन चौहान इस जमीन को विधवा बसंती देवी को वापिस करेंगे। यदि ऐसा हुआ तो उनके द्वारा करोड़ों रुपए की लागत से लगाए गए सैकड़ों सेब के पौधे समेत हर्षवर्धन चौहान को यह जमीन बसंती देवी को लौटाने पड़ेगी। हालांकि हर्षवर्धन चौहान इसे बंदोबस्त की त्रुटि बता रहे हैं। पुलिस विभाग द्वारा करवाई गई हर्षवर्धन के बागीचे की निशानदेही से यह बात तो स्पष्ट हो गई है कि हर्षवर्धन चौहान ने जो 17 बीघा 16 बिस्वा भूमि पर सेब का बागीचा लगाया है वह जमीन कागजात पर विधवा बसंती देवी की है। बताते चलें कि गत वर्ष सितंबर माह में हर्षवर्धन चौहान के अनुसार उनके बागीचे होते हुए कोई व्यक्ति मशीन द्वारा सड़क निर्माण कर रहा था, जिसमें सेब के कुछ पौधे क्षतिग्रस्त हो गए थे। हर्षवर्धन चौहान के माली गंगाराम ने शिलाई थाना में मामला दर्ज करवाया था। शिलाई थाना की ओर से मामला तो दर्ज कर लिया गया था, लेकिन मौके की तस्दीक होना अनिवार्य थी जिसके लिए गत दिनों पुलिस विभाग ने निशानदेही करवाई। राजस्व विभाग की निशानदेही रिपोर्ट में यह साफ हो गया कि हर्षवर्धन चौहान की जमीन किसी अन्य जगह पर है और जहां उन्होंने सेब का बागीचा लगाया है वह जमीन बसंती देवी पत्नी स्व. पति राम की है। अब देखना यह है कि यह जमीन किसको मिलती है। हर्षवर्धन चौहान इसे बंदोवस्त की तकनीकी गड़बड़ी बताते हैं, जबकि स्थानीय विधायक बलदेव सिंह तोमर इसे एक विधवा की जमीन पर कब्जा करने का आरोप लगा रहे हैं। अब देखना यह है कि क्या बसंती देवी इस जमीन के लिए अपना दावा पेश करती है या तबादला कर हर्षवर्धन चौहान के नाम करती है। यदि ऐसा न हुआ तो आने वाले समय में इसमें बहुत बड़ी मुश्किल खड़ी हो सकती है।


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