सपा ‘दंगल पार्ट-2’ शुरू
साइकिल पर फैसले के बाद अब अखिलेश-मुलायम में वोट की लड़ाई
लखनऊ— समाजवादी पार्टी में वर्चस्व की लड़ाई अब नया रंग ले रही है। साइकिल पर अखिलेश यादव के कब्जे के बाद अब वोटों पर कब्जे की लड़ाई में तब्दील होती दिख रही है। मुलायम सिंह यादव ने अपने बेटे पर बड़ा आरोप लगाते हुए कहा कि अखिलेश यादव को मुस्लिम विरोधी बताया। इस बयान को मुस्लिम वोटरों पर पकड़ बनाए रखने की कोशिश का हिस्सा माना जा रहा है। वहीं, अखिलेश कांग्रेस और राकंपा के साथ गठबंधन की तैयारी में है। उधर, अखिलेश यादव पर सख्त मुलायम सिंह ने यह तक कह दिया कि वह अखिलेश यादव के खिलाफ लड़ने को भी तैयार हैं। मुलायम ने कहा कि मैंने तीन बार अखिलेश को बुलाया पर वह मेरी बात शुरू होने से पहले ही चले गए। सूत्रों के मुताबिक बेटे द्वारा पार्टी में किनारे कर दिए जाने के बाद अब मुलायम सिंह यादव लोकदल के नए अध्यक्ष होने वाले हैं और उनके तमाम उम्मीदवार अब चुनाव चिन्ह हल जोतता हुआ किसान को लेकर वोटरों के बीच जाएंगे। गौर रहे कि इस चुनाव चिन्ह पर मुलायम सिंह यादव 1980 और 1985 में दो बार जसवंतनगर से विधान सभा का चुनाव लड़ चुके हैं।
सपा के दफ्तर पर दो नेम प्लेट
सपा के कार्यालय में नया घमासान शुरू हुआ है। अब दफ्तर में अध्यक्ष के आगे अखिलेश यादव के नाम की प्लेट लग गई है। हालांकि यहां पहले से लगी मुलायम सिंह के नाम की तख्ती अब भी मौजूद है।
अखिलेश के साथ गठजोड़ करेगी राकंपा
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) ने उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए समाजवादी पार्टी (सपा) के अखिलेश गुट के साथ गठबंधन करने का फैसला किया है। राकांपा महासचिव एवं सांसद तारिक अनवर ने बताया कि उनकी पार्टी उत्तर प्रदेश में सांप्रदायिक ताकतों को सत्ता से दूर रखने के लिए अखिलेश गुट के साथ चुनावी गठबंधन करेगी।
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