सुरक्षित नहीं एनएच का सफर

By: Jan 11th, 2017 12:02 am

राष्ट्रीय उच्च मार्गों पर 1184 सड़क हादसों में 369 ने गंवाई जान

पालमपुर – प्रदेश में वाहनों की लगातार बढ़ रही संख्या और वाहनों का सफर सुविधाजनक बनाने के लिए केंद्र सरकार ने काफी संख्या में नए नशनल हाई-वे प्रदेश के लिए स्वीकृत किए हैं। आने वाले समय में नेशनल हाई-वे का काफी लाभ वाहन चालकों को मिलेगा, लेकिन इसका एक दूसरा पहलू यह भी है कि प्रदेश में अब तक निर्मित नेशनल हाई-वे ही अन्य मार्गों के मुकाबले अधिक दुर्घटनाओं का गवाह बन रहे हैं। 2015 का ग्राफ बताता है कि प्रदेश में हुए कुल 3010 सड़क हादसों में से सबसे अधिक 1184 राष्ट्रीय उच्च मार्गों पर ही पेश आए। इन हादसों में 369 लोगों की जान गई तो 1772 घायल हुए। हालांकि सड़क दुर्घटनाओं में मौतों के मामले में प्रदेश के अन्य मार्ग अधिक खतरनाक साबित हुए हैं। नेशनल व स्टेट हाइवेज के अलावा प्रदेश की अन्य सड़कों पर 1116 सड़क दुर्घटनाएं हुईं, जिनमें 454 लोगों को जान गंवानी पड़ी और 1930 लोग घायल हुए। सड़क दुर्घटनाओं के मामले में प्रदेश के स्टेट हाइवेज सबसे सुरक्षित नजर आ रहे हैं और यहां पर कुल 710 मामले सामने आए, जिनमें 273 लोगों की मौत हुई और 1406 लोग घायल हुए। जानकारों के अनुसार नेशनल हाईवेज पर वाहनों की बेकाबू रफ्तार व लापरवाह वाहन चालक हादसों का सबसे अहम कारण हैं, जबकि अन्य मार्गों की खस्ताहालत वाहन चालकों के लिए खतरनाक साबित हो रही है। विभिन्न राष्ट्रीय उच्च मार्गों और अन्य सड़कों पर जहां रोजाना औसतन तीन से अधिक सड़क दुर्घटनाएं पेश आ रही हैं।

लापरवाही-तेज रफ्तार सबसे बड़ा कारण

प्रदेश की सड़कों पर वाहन हादसों का सबसे बड़ा कारण चालकों की लापरवाही है। 2015 में लापरवाह वाहन चालक कुल हादसों में से 50 फीसदी से अधिक का सबब बने। 3010 सड़क दुर्घटनाओं में से 1539 में हादसे का कारण लापरवाही से वाहन चलाना रहा। इन हादसों में जहां 497 लोगों को जान गंवानी पड़ी वहीं 2592 घायल भी हुए। सड़क हादसों का दूसरा बड़ा कारण तेज रफ्तार रही जिस वजह से हुए 1164 हादसों में 482 लोग मारे गए व 2003 घायल हुए।


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