हिमाचल-मध्य प्रदेश में एमओयू साइन

By: Jan 11th, 2017 12:01 am

प्रदेश में मछली उत्पादन के लिए ठाकुर सिंह भरमौरी ने किया समझौता

शिमला —  प्रदेश में मात्स्यिकी विकास को गति देने के लिए वन एवं मत्स्य मंत्री ठाकुर सिंह भरमौरी चार से दस जनवरी तक मुंबई व केरल राज्यों के प्रवास पर हैं। इस दौरान उनके साथ निदेशक एवं प्रारक्षी मत्स्य गुरचरण सिंह भी हैं। प्रवास के प्रथम चरण में मुंबई, द्वितीय चरण में त्रिवेंद्रम तथा तृतीय व अंतिम चरण में कोचीन का भ्रमण किया गया। प्रवास के अंतिम पड़ाव पर नौ जनवरी को उन्होंने केंद्रीय मात्स्यिकी प्रौद्योगिकी संस्थान (सीआईएफटी भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद) कोचीन तथा कुफोस (केरल यूनिवर्सिटी ऑफ फिशरीज एंड ओशियन स्टडीज) का भ्रमण किया। सर्वप्रथम सीआईएफटी कोचीन के निदेशक डा. सीएन रविशंकर एवं उनके संस्थान के समस्त वैज्ञानिक द्वारा संस्थान में पहुंचने पर स्वागत किया। उसके बाद संस्थान के सम्मेलन हाल में एक बड़े समारोह का आयोजन किया गया था। इस समारोह में मात्स्यिकी विभाग हिमाचल और सीआईएफटी के मध्य प्रदेश में मछली मूल्यवर्द्धक उत्पाद इस संस्थान के सहयोग से तैयार करने के लिए एक इकरारनामे (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए। ठाकुर सिंह भरमौरी एवं मत्स्य मंत्री की उपस्थिती में संस्थान के निदेशक डा. सीएन रविशंकर तथा गुरचरण सिंह, निदेशक एवं प्रारक्षी मत्स्य हिमाचल ने इस महत्त्वपूर्ण समझौते पर मौजूद कई वैज्ञानिकों के समक्ष सम्मेलन कक्ष में हस्ताक्षर किए। संस्थान के वैज्ञानिकों व निदेशक ने इस अवसर पर बताया कि वैसे तो यह संस्थान सभी राज्यों के लिए कार्य कर रहा है, मगर इस तरह के करारनामे पर किसी राज्य के मत्स्य मंत्री की उपस्थिति में हस्ताक्षर होने का यह पहला अवसर है। ठाकुर सिंह भरमौरी ने कहा कि सभी वैज्ञानिकों को जैविक खाद का उपयोग कर मत्स्य खुराक तैयार करनी चाहिए।


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