20 साल बीते, कब पूरा होगा सीवरेज प्रोजेक्ट

By: Jan 15th, 2017 12:05 am

मैहतपुर – नगर परिषद मैहतपुर-बसदेहड़ा के सीवरेज प्रोजेक्ट का यह हाल है कि 20 साल बीत जाने के उपरांत भी नगरवासियों को सीवरेज की सुविधा नहीं मिली है, लेकिन 20 साल में नगर परिषद में सिर्फ एक डी जोन ही चालू हुआ था, जिसमें नगरवासियों को दो करोड़ 45 लाख 31 हजार रुपए व्यय कर लोकर्पित के एक माह बाद केवल 39 कनेक्शन विभाग ने जारी किए हैं, जबकी मौजूदा स्थिति में ए, बी, सी, ई व एफ जोन से कनेक्शन दिए जाने की योजना बनाई जा रही है। वर्ष 1996 में नगर परिषद मैहतपुर-बसदेहड़ा का काम शुरू हुआ था। सीवरेज योजना का निर्माण कार्य आज भी लगभग 20 वर्ष बीत जाने के बाद अधर में लटका हुआ है, लेकिन सरकारों की सत्ता परिवर्तनों से मैहतपुर-बसदेहडा की सीवरेज का काम ठंडे बस्ते में पड़ता रहा है, लेकिन आईपीएच विभाग के ढुलमुल कार्यप्रणाली से यह संदेह होता है कि सीवरेज व्यवस्था को अभी भी सुधार करने के लिए कई वर्ष लग सकते हैं और नगरवासियों को ओर कई वर्षों का इंतजार करना पड़ सकता है। 1996 में कांग्रेस सरकार में तत्कालीन मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने नींव पत्थर रखा था, जिसमें उस समय ऊना विधानसभा क्षेत्र के विधायक ओपी रतन ने मैहतपुर व ऊना की सीवरेज के लिए अहम भूमिका निभाई है। उन्होंने सीवरेज को लेकर विधानसभा में बार-बार मुद्दा उठाकर इसका निर्माण कार्य शुरू करवाया था। गौरतलब है कि पूर्व कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में नगर में शुरू हुई सीवरेज योजना के कार्य को करीब छह जोन में बांट कर मुकम्मल करने की योजना है, जिसके चलते सीवरेज कार्य शुरू होने के उपरांत जोन डी का कार्य वर्ष 1998 में पूरा कर लिया गया था, जिसमें 39 कनेक्शन आबंटित किए गए, जो कि डी जोन कौशल मोहल्ला से लेकर मियां व जाट मोहल्ले में सीवरेज की सुविधा चली हुई और इस डी जोन के लिए एक सेपटिक टैंक की सुविधा चली हुई और इस डी जोन के लिए एक सेपटिक टैंक बनाकर डी जोन की सीवरेज व्यवस्था चली हुई है, लेकिन उसके बाद सरकार बदलने से काम धीमा पड़ गया, जबकि मौजूदा समय में ए, बी व सी जोन का काम अंतिम चरण में है, जिसमें सीवरेज की पाइपें बिछाई गई हैं, जिसके लिए ट्रीटमेंट प्लांट का टेंडर भी हो चुका है। ट्रीटमेंट प्लांट पुराना देहलां रोड पुल के समीप बनाया जाएगा। इस जोन के लिए शून्य प्वाइंट 76 एमएल डी क्षमता का ट्रीटमेंट प्लांट बनाया जाएगा, जिसके लिए  विभाग को 12 कनाल जमीन की जरूरत है, विभाग ने दो मालिकों से जमीन लेने की प्रोपोजल को सरकार को भेज दी है, लेकिन ई व एफ जोन भी फाइनल स्टेज पर पहुंच चुका है, इसका ट्रीटमेंट प्लांट के जमीन नहीं मिल पाई है।

जमीन सिलेक्ट

एफ जोन के लिए छह कनाल जमीन लेने के प्राइवेट लैंड के पेपर डिवीजन आफिस में भेजे गए, जिसमें जमीन चिन्हित हो चुकी है। सीवरेज के लिए पहले चरण में दो करोड़ 45 लाख 31 हजार रुपए व्यय, जबकि डिवीजन नंबर एक इसके चरण के लिए तीन करोड़ 40 लाख 69 हजार रुपए खर्च हुए हैं। गौरतलब है कि भाजपा के कार्यकाल में 40 लाख रुपए इस सीवरेज के काम के लिए व्यय हुए हैं।

बनेगा ट्रीटमेंट प्लांट

आईपीएच विभाग के एसडीओ मैहतपुर-बसदेहड़ा ने बताया कि ए, बी व सी जोन के लिए जीरो प्वाइंट 76एम एलडी क्षमता का ट्रीटमेंट प्लांट बनाया जाएगा, जिसके लिए विभाग को 12 कनाल जमीन की जरूरत है, विभाग ने दो मालिकों से जमीन लेने का प्रोपोजल सरकार को भेजा था। इसके लिए जगह चिन्हित हो चुकी है। संतोषगढ़ नगर परिषद में बनी सीवरेज सेपटिक टैंक की रूपरेखा देखकर जहां की चिन्हित जगह पर उतनी ही जगह पर सेपटिक टैंक बनाया जाएगा


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