30 कामगारों का छीना रोजगार
पांवटा साहिब — पांवटा साहिब के धौलाकुआं स्थित एक दवा कंपनी से 30 कामगारों को बिना नोटिस के बाहर का रास्ता दिखा दिया है। ठेकेदार के माध्यम से कार्य कर रहे इन कामगारों को बाहर करने के बाद अनुबंध पर कार्य कर रहे कंपनी के सैकड़ों कामगार मंगलवार को कंपनी के गेट के बाहर एकत्रित हुए और कंपनी प्रबंधन के खिलाफ रोष प्रकट किया। इस मामले में एटक यूनियन भी कामगारों के पक्ष में उत्तर गई है। यूनियन ने भी तत्त्काल प्रभाव से कामगारों को कंपनी में वापस काम पर रखने की मांग की है। प्राप्त जानकारी के मुताबिक कंपनी ने ठेकेदार के माध्यम से कामगारों को काम पर रखा है। एटक से संबंधित हिमाचल प्रदेश इंडस्ट्रीयल वर्कर्ज यूनियन के प्रधान राजेंद्र सिंह ने बताया कि पिछले दो माह से कंपनी प्रबंधन कम कार्य का हवाला देकर कामगारों को सिर्फ 20 दिन कार्य पर आने को कहता रहा। कामगारों ने कंपनी के हालातों को समझते हुए उनकी बात मान ली और हर माह करीब 20 से 30 वर्कर सिर्फ 20 दिन ही काम करने लगे। उन्हें दस दिनों के लिए काम नहीं मिलता था, लेकिन अचानक ही मंगलवार को कंपनी ने 30 कामगारों की सूची कंपनी गेट पर लगाकर उन्हें कंपनी से निकालने की बात कही जिस पर कामगार रोषित हो उठे। निकाले गए 30 कामगारों के समर्थन में ठेकेदार के माध्यम से लगे सभी कामगार एकत्रित हुए और कंपनी गेट के बाहर ही रोष प्रकट करने लगे। कामगारों की मांग है कि निकाले कामगारों को कंपनी में वापस लिया जाए। अध्यक्ष राजेंद्र सिंह ने बताया कि इस बारे उन्होंने लेबर आफिसर समेत जिलाधीश सिरमौर और एसडीएम पांवटा को भी अवगत करवाया है, ताकि उनके साथ न्याय हो सके। उधर, इस बारे कंपनी के निदेशक मदन कोहली ने बताया कि कंपनी ने काम से किसी मजदूर को नहीं निकाला है। सिर्फ 30 कामगारों को महीने में 20 दिन कार्य और दस दिन छुट्टी पर रहने को कहा गया है। यह कंपनी में कार्य कम होने के कारण कहा गया है। कंपनी में इस वक्त काम बिलकुल कम हो गया है। अब वह मजदूरों का वेतन ऐसे में कहां से देंगे। श्रम निरिक्षक पांवटा ने बताया कि मामले के बारे में जानकारी ली जा रही है। मजदूरों के साथ अन्याय नहीं होने दिया जाएगा।
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