3153 हादसों में 1163 की मौत

By: Jan 18th, 2017 12:02 am

2016 में लापरवाह ड्राइविंग और नियमों की अवहेलना पड़ी भारी

पालमपुर – वाहनों की तेज रफ्तार, लापरवाह ड्राइविंग और यातायात संबंधी नियमों की अवहेलना के दुष्परिणाम सामने आने लगे हैं। सड़क दुर्घटनाओं के मामले में 2016 ने पिछले एक दशक के सारे रिकार्ड तोड़ दिए हैं। दस सालों में पहली बार प्रदेश में सड़क दुर्घटनाओं की संख्या का ग्राफ  चिंताजनक तौर पर 3100 को पार कर गया है। आंकड़ों के अनुसार 2016 में प्रदेश भर में कुल 3153 सड़क हादसों में 1163 लोगों ने जान गंवाई और 5587 घायल हुए। इससे पहले बीते दशक में एक साल में सबसे अधिक सड़क दुर्घटनाएं 3099 थीं,जो 2011 में पेश आई थीं। सड़क दुर्घटनाओं में मारे जाने वालों की संख्या में 2011 सबसे दर्दनाक रहा था। 2011 में 3099 सड़क हादसों में 1353 लोगों की मौत हुई थी। प्रदेश में सालाना बढ़ रहे वाहनों के साथ दुर्घटनाओं में भी इजाफा दर्ज किया जा रहा है। 2008 तक प्रदेश में सालाना तीन हजार से कम सड़क दुर्घटनाएं सामने आई थीं, लेकिन उसके बाद से यह संख्या कभी एक हजार से कम नहीं रही है। 2008 तक सड़क दुर्घटनाओं में मारे जाने वालों का आंकड़ा एक हजार से कम रहा था लेकिन उसके बाद से यह संख्या भी लगातार बढ़ रही है। 2016 के आंकड़े बताते हैं कि प्रदेश में थानों में रोजाना दर्ज होने वाले सड़क हादसों की संख्या लगभग नौ है और हादसों में औसतन तीन लोगों की हर रोज मौत हो रही है।  जानकारों के अनुसार दोपहिया वाहन चालकों द्वारा हेल्मेट न पहनना व तेज रफ्तार से वाहन चलना काफी घातक साबित हो रहा है। वहीं, बड़े वाहनों में लापरवाही से वाहन चलाने के साथ अनेक स्थानों पर सड़कों की खस्ताहालत भी एक्सीडेंट का कारण बन रही है। यातायात नियमों के पालन को लेकर जागरूकता शिविरों का आयोजन किया जा रहा है।


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