सर्दियों में बच्‍चों को कैसे रखें स्‍वस्‍थ

By: Jan 14th, 2017 12:15 am

हर मां-बाप अपने बच्चे के स्वास्थ्य को लेकर काफी चिंतित रहते हैं और ऐसा लाजिमी भी है। अगर शिशु नवजात हो तो यह चिंता और भी ज्यादा हो जाती है। आमतौर पर माता-पिता शिशु को सर्दी से बचाने के लिए उसकी छाती को दो या तीन मोटे ऊनी कपड़ों से ढक देते हैं, लेकिन उसके पैरों व सिर को नहीं ढकते। लोगों में यह भ्रम रहता है कि शिशु को ठंड छाती से ही जल्दी लगती है। जबकि वास्तव में ठंड पैरों व सिर से अधिक लगती है…

यूं तो सर्दियों के मौसम में हर उम्र के लोगों को सही देखभाल की जरूरत होती है, क्योंकि उनकी प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होती है। सर्दियों के इन महीनों में बच्चों और बुजुर्गों को कुछ खास देखभाल की आवश्यकता होती है। आइए जानते हैं कि कैसे सर्दियों में बच्चों को स्वस्थ रखा जाए। हर मां-बाप अपने बच्चे के स्वास्थ्य को लेकर काफी चिंतित रहते हैं और ऐसा लाजिमी भी है। अगर शिशु नवजात हो तो यह चिंता और भी ज्यादा हो जाती है। आमतौर पर माता-पिता शिशु को सर्दी से बचाने के लिए उसकी छाती को दो या तीन मोटे ऊनी कपड़ों से ढक देते हैं, लेकिन उसके पैरों व सिर को नहीं ढकते। लोगों में यह भ्रम रहता है कि शिशु को ठंड छाती से ही जल्दी लगती है। जबकि वास्तव में ठंड पैरों व सिर से अधिक लगती है।

शिशु की छाती को ज्यादा ढककर रखना हानिकारक

हमारा शरीर दो प्रकार की सैल्स में बंटा है। यह भाग हमारे शरीर को कम से कम तथा अधिकतम से अधिकतम तापमान में भी सुरक्षित रखता है। वहीं शिशु के शरीर का निचला हिस्सा तापमान के प्रति अधिक संवेदनशील होता है और तापमान में असंतुलन शिशु को बीमार करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

ठंड में बच्चों को होती हैं ये परेशानियां- अचानक मौसम में परिवर्तन का असर सभी पर होता और इससे छोटे बच्चे सबसे अधिक प्रभावित होते हैं। सर्दी, जुकाम और गले में इन्फेक्शन के अलावा छोटे बच्चों को रोटा वायरल डायरिया, एर्ल्जी, अस्थमा, आंखों में इन्फेक्शन, त्वचा में लाल दाने, निमोनिया आदि परेशानियां सबसे ज्यादा होती हैं।

कैसे करें बचाव- धूल, धुएं और गंदगी से छोटे बच्चों को इस मौसम में दूर रखना चाहिए। इससे उन्हें सांस की समस्या के साथ दस्त की शिकायत भी हो सकती है। साथ ही घर की सफाई का पूरा ध्यान  रखें।  रोज नहलाने के बजाय हर दूसरे दिन छोटे बच्चों को गुनगुने पानी में साफ्ट एंटीबैक्टीरियल लिक्विड डालकर उसमें नरम तौलिया भिगोकर उनका शरीर साफ  कर दें। इससे उसे ठंड लगने की आशंका कम हो जाती है और उसका शरीर भी साफ  हो जाता है। हल्की ठंड को नजर अंदाज न करें और बच्चे को हमेशा मोजे पहना कर रखें, लेकिन स्वेटर हमेशा अच्छी क्वालिटी का ही पहनाएं, क्योंकि वूलन से कभी-कभी त्वचा में एलर्जी हो सकती है। अगर आपके घर में धूप आती हो तो बच्चे को गर्म कपड़े पहना कर थोड़ी देर के लिए सुबह-सुबह की धूप में रखें। ऐसा करने से उसे ताजी हवा और विटामिन डी दोनों मिल जाते हैं।


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