अतिक्रमण के नाम पर उजाड़ दिए छोटे बागबान

By: Feb 17th, 2017 12:05 am

 ठियोग/रोहडू— भारतीय जनता पार्टी के जिला महासू के अध्यक्ष अजय श्याम ने मुख्य संसदीय सचिव रोहित ठाकुर द्वारा पूर्व बागवानी मंत्री नरेंद्र बरागटा को बागबानी विरोधी निर्णय लेने के आरोप का खंडन करते हुए इसे हास्यास्पद करार दिया है। श्याम ने कहा है कि नरेंद्र बरागटा पर बागबानी विरोधी होने का आरोप लगाना ठीक वैसा है जैसे सूरज पर अंधकार फैलाने का आरोप लगाए। श्याम ने कहा कि नरेंद्र बरागटा के बागबानी मंत्री होते हुए वर्ष 2012 में तत्कालीन केंद्र सरकार जो कांग्रेस गठबंधन द्वारा चलाई जा रही थी उसी सरकार ने हिमाचल को बागबानी के क्षेत्र में र्स्वश्रेष्ठ राज्य घोषित किया था, जो कि इस बात का द्योतक है कि नरेंद्र बरागटा का कार्यकाल प्रदेश में बागबानी के क्षेत्र में र्स्वश्रेष्ठ था। श्याम ने कहा कि बरागटा के प्रयासों से जिला व प्रदेश में मंडियों का विस्तार हुआ था। दिल्ली में सेब कमीशन को समाप्त करवाने के लिए निर्णायक लड़ाई लड़ी गई। बागबानी उपकरणों का अनुदान समय पर किया गया। सेब को फसल बीमा योजना में लाया गया। विदेशी रूट स्टाक का आयात कर बागबानी के आधुनिकरण का कार्य शुरू किया गया था। ऐंटी हेलगन जैसी महत्त्वकांक्षी योजनाएं लागू की गई। श्याम ने रोहित ठाकुर से सवाल किया है कि उनके विधायक होते हुए उन्हीं के क्षेत्र बाघी रतनाड़ी व कलबोग में खून पसीने की कमाई से सिर्फ ऐन्टी हेलगन लगा रहे है, जिस पर विधायक रोहित ठाकुर को शर्मिदा होना चाहिए। बागबानों को अपने पैसे से ऐंटी हेलगन लगाना इस प्रतीक है कि यह सरकार बागबानी के क्षेत्र में पूर्णत विफल रही है एवं बागबानों को विधायक व सरकार से कोई उम्मीद नहीं है। अजय श्याम ने आरोप लगाया है कि सौ दिन में ठियोग हाटकोटी सड़क को बनाने का दावा करने वाले विधायक सरकार के मात्र बचे सौ दिन तक भी सड़क नहीं बनवा पाए, जबकि अतिक्रण के नाम पर छोटे बागबानों के सेब के बागीचों को काट दिया गया, लेकिन विधायक रोहित ठाकुर कुछ न कर पाए। श्याम ने कहा कि कांग्रेस सकरार के कार्यकाल में एक भी फल मंडी नहीं बनी। सेब को केंद्रीय सरकार द्वारा प्रायोजित फसल बीमा योजना में नहीं लिया गया। हजारों बागबानों के सबसीडी के मामले ठंडे बस्ते में पड़े हैं। श्याम ने कहा कि नरेंद्र बरागटा ने अनुरूप प्रगतिनगर के कार्टन उद्योग जोकि सफेद हाथी था इसे बंद करवाकर यहां इंजीनियरिंग कालेज खोलकर उल्लेखनीय कार्य किया, जबकि कांग्रेस ने प्रतिशोधात्मक कार्रवाई करते हुए विजिलैंस की जांच बिठाई। श्याम ने कहा कि बागबानी के विफल सरकार के विरोध में जनआक्रोश की अभिव्यक्ति विपक्ष नैतिक व संवैधानिक दायित्व है एवं इस आंदोलन को आहट से सरकार की नींव हिल गई है। इसलिए सरकार में बैठे लोग बौखलाहट में अनाप शनाप बोल रहे हैं।


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