अब कालेजों में मूर्ति बनाना सीखेंगे छात्र

By: Feb 14th, 2017 12:15 am

newsधर्मशाला —  अब हिमाचली छात्र कालेजों में मूर्ति कला की पढ़ाई भी कर सकेंगे। प्रदेश विश्वविद्यालय ने धर्मशाला व मंडी कालेजों में मूर्ति कला की पढ़ाई करवाने के लिए अगले शैक्षणिक सत्र से यह विषय शुरू करने का निर्णय लिया है। इससे हिमाचली संस्कृति व विलुप्त होती पुरातन मूर्ति कला को भी नए पंख लगेंगे। देवभूमि पहले ही धातु और पत्थर की मूर्तियों की कारीगरी का बड़ा केंद्र रहा है। कालेजों में यह विषय शुरू होने के बाद नई पीढ़ी को हुनर दिखाने का मौका मिल पाएगा। इससे पूर्व छात्र रूटीन के विषयों पर ही अध्ययन कर पाते थे। रूसा के तहत महाविद्यालयों में नए एवं छात्र उपयोगी विषय भी शुरू होने लगे हैं। फाइन आर्ट के साथ मूर्ति कला पहली बार शुरू होने जा रही है। हालांकि इस तरह के विषय बहुत पहले पढ़ाए जाने चाहिए थे, लेकिन देरी से शुरू हुआ प्रयास भी युवा पीढ़ी के लिए नई दिशा देने वाला साबित हो सकता है। प्रदेश के सैकड़ों युवक-युवतियों को उनकी रुचिकर विषय भी कालेजों में पढ़ाए जाएंगे। अब तक हिमाचल के कालेजों में इस तरह के विषय मात्र प्रदर्शनी और यूथ फेस्टिवल के दौरान ही समझाए व बताए जाते थे, लेकिन इस नई पहल से युवाओं को ऐसे विषयों को नियमित अध्ययन करने का मौका मिल पाएगा। शिक्षाविद मानते हैं कि देवभूमि में मूर्तिकला पर शोध के भी कई मार्ग खुलेंगे।

धर्मशाला में डा. मिथुन नियुक्त

प्रदेश के सबसे पुराने व बड़े कालेजों में शुमार धर्मशाला कालेज में इस विषय को पढ़ाने के लिए डा. मिथुन कुमार दत्ता की नियुक्ति हुई है। डा. मिथुन देश के नामी विश्वविद्यालय बनारस से मूर्ति कला में गोल्ड मेडलिस्ट हैं। वर्ष 2007 में वह ललित कला अकादमी के नेशनल अवार्डी भी हैं। डा. मिथुन की धातु और पत्थर की मूर्तियों को तराशने में विशेषज्ञता है। उनका कहना है कि कांगड़ा घाटी सहित देवभूमि की धार्मिक मूर्ति कला, समकालीन मूर्ति कला की बारीकियों को समझते हुए उसे छात्रों तक पहुंचाएंगे। उन्होंने बताया कि मूर्ति कला के माध्यम से मूर्तिकार समाज को कई संदेश दे सकता है।


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