एनएच की डीपीआर केंद्र को नहीं भेजी

By: Feb 18th, 2017 12:05 am

सोलन  —  केंद्र सरकार ने बीस राष्ट्रीय उच्चमार्ग शिमला संसदीय क्षेत्र को दिए हैं, लेकिन अभी तक सरकार ने एक भी एनएच की डीपीआर तैयार करके केंद्र को नहीं भेजी है। शिमला संसदीय क्षेत्र के सांसद वीरेंद्र कश्यप ने प्रेसवार्ता के दौरान कहा कि जल्द ही भाजपा स्थानीय लोगों के सहयोग से प्रत्येक क्षेत्र में जाकर आंदोलन करेगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने बीडीसी और जिला परिषद सदस्यों को दिए गए जाने बजट पर रोक लगा दी है, जिसकी वजह से जनप्रतिनिधि अपने आप को असहाय महसूस कर रहे हैं। जिन लोगों ने इन जनप्रतिनिधियों को वोट देकर चुना है, वह भी अपने आप को ठगा सा महसूस कर रहे हैं। सरकार से अनुरोध है कि बीडीसी व जिला परिषद सदस्यों को विकास कार्यों के लिए बजट प्रदान किया जाना जाए। वीरेंद्र  कश्यप ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा जारी किए गए बजट में प्रत्येक वर्ग का ध्यान रखा गया है। अधिकतर श्रेणियों को जारी किए गए बजट में बीते वर्ष की अपेक्षा बढ़ोतरी की गई है। किसानों के लिए अधिक ऋण सुविधा दिए जाने हेतु बजट में एग्रीकल्चर क्रेडिट में दस लाख करोड़ का प्रावधान किया गया है। ई-नेम के तहत देश के सभी 585 एपीएमसी को सुचारू रूप देने के साथ वहां पर क्लीनिंग, ग्रेडिंग, पैकिंग की सुविधा जुटाने के लिए 75-75 लाख की सुविधा दी जा रही है। दुग्ध उत्पादन को नाबार्ड में 8000 करोड़ रुपए का तीन वर्ष में एक कापर्स बनाया गया है तथा नाबार्ड के अंतर्गत दीर्घकालीन सिंचाई के अंतर्गत 4000 करोड़ का प्रावधान भी किया गया है। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत इस बजट में 9000 करोड़ रुपए का प्रावधान रखा गया है। यह उल्लेखनीय है कि 2015 में जो खरीफ के दौरान बीमा 69000 करोड़ का हुआ था, वह इस बार 2016 में 141625 करोड़ रुपए हो गया है, जो अपने आप में दर्शाता है, के प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना देश के किसानों में व्यापक रूप से बढ़ा है। देश के सभी 63000 प्राइमरी एग्रीकल्चर सोसायटीज को नाबार्ड के तहत लाकर उन्हें कोर बैंकिंग सिस्टम के साथ जोड़ने हेतु 1900 करोड़ रुपए की तीन वर्ष की योजना बनाई गई है। दलहन के लिए  बजट में 900 करोड़ से बढ़ाकर 3500 करोड़ किया गया है, ताकि दलहन की कमी को पूरा किया जा सके।


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