किसानों की आर्थिकी को उठाएं कदम

By: Feb 8th, 2017 12:01 am

कॉफी बोर्ड, वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के निदेशक ने गलत आंकड़ों पर घेरी प्रदेश सरकार

 घुमारवीं— विभिन्न भौगोलिक परिस्थितियों वाले हिमाचल प्रदेश में अथाह वन संपदा, कृषि-बागबानी के लिए अपार संभावनाएं होने के बावजूद पिछड़ापन झेलना पड़ रहा है। इसके लिए कॉफी बोर्ड (वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय) के निदेशक डा. विक्रम शर्मा ने प्रदेश सरकार की गलत नीतियों को कठघरे में खड़ा किया है। डा. विक्रम शर्मा का कहना है कि मौजूदा प्रदेश सरकार को झूठे आंकड़े न दिखा कर प्रदेश की मौजूदा आर्थिक व सामाजिक जीवन की गिरती स्थिति को ध्यान में रख कर मात्र प्रदेश के किसान, बागबान व युवाओं के आर्थिक स्वावलंबन की तरफ  कदम उठाना चाहिए। डा. विक्रम शर्मा अपने एकदिवसीय दौरे के दौरान घुमारवीं पहुंचे थे। डा. शर्मा ने कहा कि प्रदेश में दो-दो कृषि व बागबानी विश्वविद्यालय कार्यरत हैं, परंतु निचले क्षेत्र के नाम पर आज तक न तो कोई शोध कार्य हुआ और न किसानों-बागबानों के साथ सामंजस्य स्थापित करने की कोशिश की गई। उन्होंने कहा कि प्रदेश में जनता की गाढ़ी कमाई से चल रहे दोनों कृषि, बागबानी व वानिकी संस्थानों को शोध कार्य सौंपना चाहिए तथा इसकी निगरानी स्थापित बोर्ड द्वारा की जानी चाहिए। इससे एक पारदर्शिता के साथ प्रदेश का उत्थान संभव होगा। उन्होंने कहा कि पिछले दिनों कृषि-बागबानी शोध के लिए प्रदेश को विश्व बैंक द्वारा 1100 करोड़ रुपए का अनुदान दिया गया। इसका उपयोग कृषि-बागबानी उत्थान व प्रसार के लिए किया जाना था, परंतु प्रदेश सरकार ने 600 करोड़ का अनुबंध उन बागबानी फसलों के शोध के लिए किया, जो हिमाचल प्रदेश में पिछले कई वर्षों से वाणिज्यिक रूप से सफलतापूर्वक उगाई जा रही हैं, जिनमें कीवी, स्ट्राबेरी व आवोकैडो है। 1100 करोड़ के अनुदान पर प्रदेश सरकार को किसानों व बागबानों के साथ विश्व बैंक के सदस्यों, राजनीतिक दलों के सदस्यों व कृषि-बागबानी वैज्ञानिकों का एक बोर्ड गठन करना चाहिए था।

पर्यावरण व्यवस्था की बिगड़ रही हालत

डा. विक्रम शर्मा ने कहा कि प्रदेश में पर्यावरण संरक्षण व बचाव के नाम पर कागजों में पैसा जरूर खर्च किया जा रहा है, परंतु पर्यावरण व्यवस्था की हालत दिन-प्रतिदिन बिगड़ती जा रही है। जिस प्रदेश को स्वस्थ पर्यावरण का स्वर्ग कहा जाता रहा है, आज उसके निचले हिस्सों में जल, वायु व ध्वनि प्रदूषण की सीमा औद्योगिक क्षेत्रवासियों के लिए खतरनाक बीमारियों का सबब बनता जा रहा है।


Keep watching our YouTube Channel ‘Divya Himachal TV’. Also,  Download our Android App