कोलबांध जलाशय ने बढ़ाई लोगों की टेंशन

By: Feb 11th, 2017 12:05 am

करसोग – उपमंडल करसोग के प्रवेश द्वार स्थित धार्मिक व पर्यटक स्थल तत्तापानी में कोलबांध का जलाशय बनने के उपरांत स्थानीय लोगों की मुश्किलें कम होने का नाम ही नहीं ले रही हैं। हालात यह हैं कि जलाशय के कारण, जहां तत्तापानी का व्यापार बुरी तरह चौपट हो चुका है, वहीं मोक्षधाम (श्मशानघाट) को भी स्थापित करने के लिए तत्तापानी के लोगों को पहाड़ जैसी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। फिलवक्त तत्तापानी में जलाशय के कारण मोक्षदायिनी स्थल उपलब्ध नहीं है। तत्तापानी में तो मुर्दा जलाते हुए कई बार स्थिति ऐसी अजीबो-गरीब देखी जा सकती है कि एक तरफ  जीवन के मेले सजे हुए हैं तो दूसरी तरफ  कुछ मीटर की दूरी पर मेला स्थल के समीप मुर्दा जलाने की नौबत आ जाती है, क्योंकि विशाल कोलबांध के जलाशय के कारण मुर्दा जलाने के लिए तत्तापानी में अभी तक कोई भी उपयुक्त स्थान नहीं है, जो नया श्मशानघाट जनवरी में ग्राम सभा के दौरान तय किया गया है, उसको लेकर भी तत्तापानी के स्थानीय लोगों द्वारा सवाल खड़े किए गए हैं व करसोग प्रशासन को ज्ञापन देते हुए मांग रखी गई कि श्मशानघाट तत्तापानी का स्थल दोबारा चयनित करने के बारे में कार्रवाई अमल में लाई जाए। इस बारे में तत्तापानी निवासी जगत राम गांधी ने करसोग स्थित उपमंडलाधिकारी नागरिक विवेक चौहान, तहसीलदार करसेग रविंद्र बोध व खंड विकास अधिकारी जगत राम भारती से आग्रह किया है कि, जो 15 जनवरी को श्मशानघाट तत्तापानी के लिए स्थान का चयन हुआ है वह दोनों मंदिरों के प्रांगण के बिलकुल साथ है। मंदिर में होने वाले भजन-कीर्तन व अन्य समारोह के दौरान कुछ मीटर की दूरी पर मुर्दा जलाने की स्थिति शायद सभी को ही मर्यादा पूर्वक नहीं लगेगी क्योंकि एक मंदिर परिसर में विवाह का आयोजन व कुछ मीटर की दूरी पर मुर्दा जलाने का कार्य हो ऐसा समाज में अजीब जैसा लगेगा। जगत राम ने कहा कि मंदिर के साथ ही गर्म पानी के चश्में निर्माणाधीन हैं, जहां पर पयर्टकों का आना-जाना पूरा वर्ष लगा रहता है। स्नानगृह स्थान भी बिलकुल रास्ते के साथ है व उसी रास्ते पर मुर्दा भी जाएगा, मंदिर के लिए बारात भी जाएगी और स्नान स्थल में पयर्टक भी मौजूद होंगे, जिसके चलते अबादी व मंदिरों के समीप शमशानघाट तत्तापानी स्थल का चयन, जो हुआ है, उसको स्थापित करने से पहले दोबारा विचार किया जाए। उन्होंने कहा कि शमशानघाट के लिए स्थान का चयन मेला स्थल व मंदिर परिसरों से दूर होना चाहिए व इसके लिए मेला स्थल से दूर सरकारी भूमि नाले के पास सबसे उचित स्थल है, जिस पर सभी को मिल बैठकर गौर करना चाहिए। पंचायत प्रधान तत्तापानी मीना देवी ने कहा कि ग्राम सभा में इस मोक्षदायिनी स्थल के चयन का प्रस्ताव आया और सभी की सहमति से पारित हुआ है यदि किसी का विरोध है तो लिखित में प्रस्ताव पंचायत को दें।


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