गौरव के पल

By: Feb 16th, 2017 12:01 am

( डा. राजेंद्र प्रसाद शर्मा (ई-मेल के मार्फत) )

आज वाकई देश के हरेक नागरिक की छाती 56 इंची हो गई है। होगी भी क्यों नहीं, यह वाकई देश के प्रत्येक नागरिक के लिए गर्व करने का अवसर है कि भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संस्थान ने एक साथ 104 उपग्रहों का अंतरिक्ष में सफल प्रक्षेपण कर नया कीर्तिमान स्थापित कर दिया है। इसरो ने एक-दो नहीं, दस-बीस भी नहीं, सौ-पचास भी नहीं, पूरे 104 उपग्रहों का प्रक्षेपण कर विश्व रिकार्ड बनाया है। अब तक एक साथ  सर्वाधिक 37 उपग्रहों के प्रक्षेपण का विश्व रिकार्ड रूस के नाम था। उससे कई गुना ज्यादा उपग्रहों का एक साथ प्रक्षेपण कर अंतरिक्ष में कामयाबी के नए झंडे गाड़ दिए हैं। पिछले जून में ही इसरो ने एक साथ 23 उपग्रहों का सफल प्रक्षेपण किया था। अमरीका के नाम 29 उपग्रह एक साथ प्रक्षेपित करने का रिकार्ड है। उपग्रह प्रक्षेपण के क्षेत्र में भारत की यह सबसे ऊंची और सबसे बड़ी कामयाबी की उड़ान है। असल में इसरो के वैज्ञानिकों ने उपग्रह प्रक्षेपण के क्षेत्र में व्यावसायिक विशेषज्ञता हासिल कर ली है। इसरो का यह 39वां मिशन है। इसरो के केवल पहले अभियान को छोड़ दिया जाए, तो शेष सभी प्रक्षेपणों को कामयाबी मिली है। एक समय था जब दुनिया के देशों से उपग्रह किराए पर लिए जाते थे। किराए पर लिए जाने वाले उपग्रहों पर अधिक खर्चा होने के कारण अंतरिक्ष में अपने स्वयं के उपग्रह स्थापित करने पर बल दिया जाने लगा। इसके लिए सबसे बड़ी समस्या अंतरिक्ष प्रक्षेपण यान की रही है, पर भारतीय अंतरिक्ष वैज्ञानिकों ने उपग्रहों के सफल प्रक्षेपण में महारत हासिल की है। इसरो के वैज्ञानिक इसलिए भी बधाई के पात्र हैं कि कठिन परिश्रम के दम पर उन्होंने प्रक्षेपण के क्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय पहचान बनाई है। इसरो की इस सफलता पर पूरा देश गौरवान्वित है। जय विज्ञान!

 


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