चार साल में तीन ट्रांसफर, दो वर्ष इन्क्वायरी

By: Feb 17th, 2017 12:01 am

कर्मचारी परिसंघ के राज्याध्यक्ष ने लगाया प्रताड़ना का आरोप

शिमला  –  हिमाचल प्रदेश कर्मचारी परिसंघ के राज्याध्यक्ष ने प्रदेश सरकार पर उन्हें प्रताडि़त करने का आरोप लगाया है। उनका आरोप है कि चार वर्षों के दौरान उनका तीन बार तबादला किया गया। इतना ही नहीं, उन पर महासंघ के द्वारा झूठे आरोप लगाकर उन्हें दो वर्षों तक जांच का सामना भी करना पड़ा है। परिसंघ के राज्याध्यक्ष विनोद कुमार ने कहा कि वर्ष 2013 में पहली मर्तबा उनका पांगी तबादला किया गया, लेकिन उन्होंने न्यायालय में इसके खिलाफ लड़ाई लड़ी और उनका तबादला रद्द हुआ। इसके बाद 2015 में उन्होंने सेवा विस्तार का विरोध किया था। उन्होंने इस मामले को बागबानी मंत्री के समक्ष उठाया था। इसके पश्चात उन्हें किन्नौर ट्रांसफर कर दिया गया। इस तबादले की भी उन्होंने न्यायालय में लड़ाई लड़ी। इसके पश्चात उनकी पदोन्नति अधीक्षक पद पर हुई। बाद में उनका तबादला नाहन कर दिया गया। उन्होंने कहा कि वर्ष 2013 में महासंघ के लैटर पैड पर उनके खिलाफ शिकायत की गई थी। इस पर मुख्यमंत्री कार्यालय से जांच के आदेश दिए गए थे, मगर जब जांच हुई तो महासंघ ने स्वयं माना कि यह उनका लैटर पैड नहीं है, जिस पर वह अब एफआईआर दर्ज करवाएंगे। अगर सरकार इस पर कोई कार्रवाई अमल में नहीं लाती है तो वह पूरे तथ्यों व शपथ पत्र के साथ राज्यपाल को चार्जशीट सौंपेगे।

एमआईडीएच में 41 लाख का घोटाला

उन्होंने आरोप लगाया कि एमआईडीएच योजना में 41 लाख रुपए का घोटाला हुआ है। उनका आरोप है कि जांच अधिकारी इसमें संलिप्त अधिकारियों को बचाने का प्रयास कर रहे हैं। इसका आरोप एक वरिष्ठ सहायक पर डाला जा रहा है।

सोसायटी में 90 लाख की गड़बड़

परिसंघ के राज्य अध्यक्ष विनोद गैर कृषि एवं बचत सहकारी सोसायटी में पिछले चार सालों के दौरान करीब 90 लाख की गड़बड़ी हुई है। उनका आरोप है कि महासंघ से जुड़े लोग जो सोसायटी के पदाधिकारी भी हैं, उन्होंने धन बैंक में जमा नहीं करवाया है। इसकी जांच होनी चाहिए।


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