जुर्माना नहीं, जागरूकता जरूरी

By: Feb 21st, 2017 12:05 am

सोलन —  शूलिनी विश्वविद्यालय में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण ने ड्रग अवेयरनेस पर आधारित राज्य स्तरीय संगोष्ठी का आयोजन किया, जिसमें युवाओं को नशे से दूर रहने के लिए प्रेरित किया गया। कार्यक्रम में  सोलन डिस्ट्रिक्ट और सेशन जज एससी कैंथला ने बतौर मुख्यातिथि रहे। कार्यशाला में विद्यालयों के  बच्चों के अलावा डा. वाईएस परमार बागबानी और वानिकी विश्वविद्यालय, एलआर संस्थान, बाहरा विश्वविद्यालय, मानव भारती विश्वविद्यालय, डीएवी डेंटल कॉलेज, पोस्ट ग्रेजुएट कालेज सोलन और शूलिनी विश्वविद्यालय के छात्र शामिल हुए। इस दौरान उन्होंने कहा कि विधिक सेवा संस्थान ड्रग्स पर अंकुश लगाने के लिए महत्वपूर्ण योगदान दे सकते हैं और ऐसे सेमिनारों से इसी पहल का हिस्सा है। उन्होंने बताया कि दंडात्मक कार्रवाई मादक पदार्थों से संबंधित अपराधों का हल नहीं है और हम लोगों को, विशेष रूप से युवाओं का उचित संवेदीकरण करना होगा। इस मौके पर सोलन के अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट और टै्रफिक मेजिस्ट्रेट सिद्धार्थ सरपाल ने मौजूद प्रतिभागियों के साथ परेशान करने वाले आंकड़े साझा किए। उन्होंने बताया कि 29.3 प्रतिशत से अधिक युवा सिगे्रट, गुटखा और खैनी की लत का शिकार हैं। अगर ड्रग्स सेवन में शामिल युवकों का आंकड़ा देखे तो वश भी अत्यंत चिंताजनक है।  उन्होंने बताया कि हर साल ड्रग्स के कारण भारत में दुर्घटनाओं से ज्यादा लोग जान गवांते है। जबकि सोलन उपायुक्त राकेश कंवर ने लाइफ  स्किल्स पर चर्चा की। उन्होंने प्रतिभागियों से आग्रह किया कि अपनी विशिष्टता का जश्न मनाए और अपने होबीस को विकसित करने का प्रयास करें। डीएसपी अमित शर्मा ने इस अवसर पर ड्रग्स से जुड़े कानूनी पहलुओं पर ज्ञान साझा किया। उन्होंने कई चिंताजनक मामलों पर प्रकाश डाला, जहां युवा ड्रग्स के लिए या उसके प्रभाव में आपराधिक गतिविधियों में शामिल हो गए थे। प्रसिद्घ मनोचिकित्सक डा. वीरेंद्र मोहन ने ड्रग्स पीडि़त रोगियों के चौंका देने वाले मामले साझा किए। उन्होंने ड्रग्स से संबंधित कई गलत धारणाओं पर भी प्रकाश डाला और बताया  कैसे वे हमारे शरीर को प्रभावित करते हैं। सभा को संबोधित करते हुए क्लीनिकल मनोवैज्ञानिक वैशाली शर्मा ने कहा कि लोग जब पहली बार किसी ड्रग का सेवन करते तो उन्हें लगता है कि वह उसके आदी नहीं होंगे, परंतु ज्यादातर मामलों में उनके सोच के विपरीत होता है। उन्होंने बताया कि ड्रग्स के सेवन से मस्तिष्क में संरचनात्मक और कार्यात्मक परिवर्तन होता है । इस मौके पर शूलिनी विश्वविद्यालय के उपकुलपति प्रो. पीके खोसला और अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।


Keep watching our YouTube Channel ‘Divya Himachal TV’. Also,  Download our Android App