टीसीपी एक्ट में बदलाव चुनावी स्टंट

By: Feb 12th, 2017 12:07 am

newsशिमला – भवन नियमितीकरण का मुद्दा फिर से गरमा गया है। उपनगरीय जन कल्याण समिति ने भवन नियमितीकरण के लिए टीसीपी एक्ट में किए गए बदलावों को चुनावी नाटक करार दिया है। शिमला कालीबाड़ी हाल में शनिवार को आयोजित बैठक में समिति ने सरकार पर आरोप लगाया है कि नए संशोधन में मर्ज्ड एरिया को पूरी तरह से नजरअंदाज किया गया है। समिति के महासचिव गोविंद चतरांटा और अध्यक्ष चंद्रपाल मेहता ने कहा कि हर बार सरकार मर्ज्ड एरिया का नाम लेकर भवनों को नियमित करने की बात कहती है, लेकिन हर बार इस क्षेत्र को कोई लाभ नहीं मिलता। उन्होंने कहा कि पहले भी मर्ज्ड एरिया के नाम पर कई रिटेंशन पालिसी लाई गई और इस बार टीसीपी एक्ट में संशोधन किया गया, लेकिन मर्ज्ड एरिया के हितों का कोई ख्याल सरकार ने नहीं किया।  उन्होंने कहा कि पुराने शहर के मुकाबले में मर्ज्ड एरिया से ज्यादा फीस वसूली जाएगी, जिसमें चार-पांच मंजिला मकान पर लगभग छह लाख रुपए देने होंगे।  जन कल्याण समिति ने अपनी शर्त को दोहराते हुए कहा कि मर्ज्ड एरिया के लिए ‘जहां है-जैसा है’ के आधार पर एक मुश्त राहत दी जाए। शिमला शहर के विभिन्न वार्डों से आए प्रतिनिधियों ने सरकार द्वारा उनके मकानों को अवैध कहने पर आपत्ति जताई। समिति के वरिष्ठ उपाध्यक्ष कृष्ण गोपाल ठाकुर ने कहा कि लोगों ने अपनी खून-पसीने की कमाई से ये मकान बनाए हैं तथा विभाग की इजाजत से ही बिजली व पानी की सुविधाएं ली हैं। शिमला नागरिक सभा के संस्थापक अध्यक्ष तथा किसान सभा के राज्याध्यक्ष डा. कुलदीप सिंह तंवर ने कहा कि सरकार हम से टैक्स ले रही है तब तो वह वैध है, लेकिन हमें यह समझ नहीं आता कि जिन मकानों पर से यह टैक्स लिया जा रहा है वे कैसे अवैध हो गए।

अधिवेशन 21 को

समिति के अध्यक्ष चंद्रपाल मेहता ने बताया कि 21 फरवरी को कालीबाड़ी हाल में  एक बड़ा अधिवेशन किया जाएगा, जिसमें अन्य जिलों से भी प्रतिनिधि आमंत्रित किए जाएंगे।


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