नई नहीं, पुरानी पेंशन स्कीम बेहतर

By: Feb 27th, 2017 12:01 am

नूरपुर में कर्मचारी महासंघ की बैठक के दौरान उठी आवाज

जसूर – सैकड़ों कर्मचारियों ने न्यू पेंशन स्कीम का विरोध किया है और सरकार से इस पेंशन स्कीम को तुरंत बंद करने के साथ पुरानी पेंशन स्कीम को बहाल करने की मांग की है। इस संबंध में न्यू पेंशन स्कीम महासंघ हिमाचल  प्रदेश की बैठक नूरपुर में आयोजित की गई। इसमें पीडब्ल्यूडी, आईपीएच,हार्टिकल्चर, शिक्षा, राजस्व च पशुपालन विभाग के सैकड़ों  कर्मचारियों ने भाग लिया। इसके अलावा एनपीएस-सीपीएस कर्मचारियों ने ऐलान किया है कि जो भी राजनीतिक दल उनकी पेंशन बहाली का समर्थन करेगा, विधानसभा चुनाव में उसका समर्थन किया जाएगा। प्रदेश में करीब 75 हजार कर्मचारी ऐसे हैं, जिनकी वर्ष 2003 के बाद पेंशन बंद कर दी गई है। इन कर्मचारियों ने इस मामले में मार्च से संघर्ष छेड़ने का ऐलान भी किया है। प्रदेश एनपीएस-सीपीएस कर्मचारी महासंघ की बैठक नूरपुर  में रविवार को हुई। वरिष्ठ उपाध्यक्ष संजीव गुलेरिया, नूरपुर ब्लॉक अध्यक्ष राज कुमार, सचिव अजय संतोषी, कोषाध्यक्ष अजय प्रजापति,   मुख्य सलाहकार सुशील कौशल, डा. अनूप महाजन आदि ने प्रदेश सरकार से कहा कि 15 मई, 2003 के उपरांत नियुक्त व नियमित हुए सरकारी कर्मचारियों की एक एमओयू के तहत पुरानी पेंशन बंद की गई है व एनपीएस नाम से अहितकारी योजना शुरू की गई है। एनपीएस के तहत सेवानिवृत्त हुए कर्मचारियों को कोई पेंशन नहीं लग रही है और कुछ मामलों में यदि लग भी पाई है तो किसी को 1500 प्रतिमाह या फिर प्रोफेसर स्तर के कर्मचारी को 5100 रुपए प्रतिमाह मिल रही है। वरिष्ठ उपाध्यक्ष डाक्टर संजीव गुलेरिया ने कहा कि 35 से 40 वर्षों की सेवा के उपरांत भी सरकारी कर्मचारियों को पेंशन न मिलना या 1500 रुपए पेंशन मिलना एक मजाक है। महासंघ ने मांग की है कि केंद्र द्वारा एनपीएस के सुधार हेतु जो निर्णय लिए गए हैं, उन्हें प्रदेश में भी लागू किया जाए।


Keep watching our YouTube Channel ‘Divya Himachal TV’. Also,  Download our Android App