नील क्रांति योजना को 13 करोड़ मंजूर

By: Feb 2nd, 2017 12:01 am

वन एवं मत्स्य मंत्री का खुलासा, हैचरी-बड़े तालाबों का होगा निर्माण

शिमला —  प्रदेश में पिछले चार वर्षों में मात्स्यिकी का अपार विकास हुआ है। प्रदेश के प्रत्येक जिला में मत्स्य विकास को लेकर विभाग द्वारा योजनाएं चलाई गईं, जिससे स्थानीय लोगों व बेरोजगार युवकों को रोजगार के साधन उपलब्ध किए गए हैं। ये शब्द वन एवं मत्स्य मंत्री ठाकुर सिंह भरमौरी ने कहे। श्री भरमौरी ने बताया कि 2012-13 से 2015-16 तक सामान्य बजट से हटकर 35 करोड़ रुपए से अधिक राशि की परियोजनाएं स्वीकृत कर लागू की गई हैं, जबकि वर्र्ष 2016-17 में ‘नील क्रांति’ नामक योजना के अंतर्गत एक ही वर्ष में 13 करोड़ रुपए से अधिक राशि की स्वीकृति प्रदान की गई है। इसमें 80 प्रतिशत से लेकर 100 प्रतिशत तक स्थानीय लोगों को सहायता राशि का प्रावधान है। इस राशि से हैचरियों से लेकर नर्सरी तालाब निर्माण, बड़े आकार के तालाब निर्माण, मत्स्य आहार संयंत्रों की स्थापना, ट्राउट इकाइयों की स्थापना व मछली दोहन के उपरांत उसके सही रखरखाव व मत्स्य उत्पादों को तैयार करने तक के लिए कार्य किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि हाल ही में उनके द्वारा महाराष्ट्र व केरल जैसे राज्यों का भ्रमण किया गया है। इस दौरान उन्होंने राष्ट्रीय स्तर के मात्स्यिकी संस्थानों से जैविक आधार पर मछली खुराक तैयार करने पर बल दिया एवं प्रशिक्षण कार्यक्रमों के आयोजन बारे भी चर्चा की है। इसके अंतर्गत उक्त संस्थान के तकनीकी सहयोग से प्रदेश में फिश प्रोसेसिंग यूनिट प्रदेश के चार स्थानों, भाखड़ा (गोविंदसागर)), खटियार (पौंग डैम), कटौहड़कलां (ऊना) तथा रतयोड (सोलन) में स्थापित कर फिश वैल्यू एडिड प्रोडक्ट जैसे मछली का आचार, फिश फिलेट्स, फिश बाउल, फिश फिंगर, पापड़ तैयार कर मार्केट में उपलब्ध करवाए जाएंगे, जिन्हें एक वर्ष की अवधि से भी अधिक समय तक रखा जा सकेगा। यह कार्य प्रदेश में पहली बार होगा। श्री भरमौरी ने मत्स्य विभाग के निदेशक को निर्देश दिए कि कुल्लू के बंजार घाटी में निर्माणाधीन ट्राउट फार्म हामनी का निर्माण कार्य अप्रैल-2017 तक तैयार किया जाए और चौपाल-नेरवा क्षेत्र में एक सरकारी ट्राउट फार्म जल्द खोला जाएगा। इस अवसर पर आयुर्वेद मंत्री कर्ण सिंह, अमित पाल सिंह मुख्यमंत्री के ओएसडी, गुरचरण सिंह निदेशक मत्स्य विभाग तथा अन्य अधिकारी व कर्मचारी उपस्थित थे।


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