नोटबंदी-हड़ताल से सोना फीका
पिछले साल पीली धातु की जेवराती मांग 22 फीसदी घटी
बंगलूर— नोटबंदी और लंबी हड़ताल के कारण वर्ष, 2016 में देश में सोने की जेवराती मांग 22 प्रतिशत घटकर 514 टन रह गई। वर्ष 2015 में यह 662.3 टन रही थी। विश्व स्वर्ण परिषद द्वारा शुक्रवार को जारी आंकड़ों में कहा गया है कि भारतीय माँग में 148.3 टन की गिरावट उसके रिकार्ड में अब तक की सबसे बड़ी गिरावट है। साथ ही देश में निवेश मांग भी वर्ष 2015 के 194.9 टन से 17.09 प्रतिशत घटकर 161.6 टन रह गई। इस प्रकार कुल मांग 857.2 टन से 21.19 प्रतिशत कम होकर 675.6 टन रह गई। हालांकि, अब भी चीन के बाद सोने का दूसरा सबसे बड़ा आयातक भारत ही बना हुआ है। चीन में वर्ष 2015 में कुल मांग 981.5 टन रही थी, जो 6.92 प्रतिशत घटकर 913.6 टन रह गई। परिषद् ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि वर्ष 2016 में भारत में सोने के आंकड़े एकत्र करने के लिए परिस्थितियां काफी चुनौतीपूर्ण रहीं। पहली तिमाही में सर्राफा कारोबारियों की राष्ट्रव्यापी हड़ताल ने स्वर्ण उद्योग को लगभग पूरी तरह ठप कर दिया। चौथी तिमाही में जब अघोषित आय पर लगाम कसने के लिए सरकार ने पुराने बड़े नोटों को बंद करने का फैसला किया तो दोबारा दिक्कतें पेश आईं। इससे सोने की कुछ मांग ग्रे मार्केट (कालाबाजार) में स्थानांतरित हो गई। जब इसके बारे में और आंकड़े सामने आएंगे तो अपने आंकड़ों में उसके अनुसार बदलाव कर सकते हैं।
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