परवाणू से सोलन तक धूल-खतरे से भरा सफर

By: Feb 26th, 2017 12:05 am

सोलन  – लोक निर्माण विभाग की सुस्ती लाखों पर्यटकों पर भारी पड़ रही है।  वैकल्पिक राष्ट्रीय उच्चमार्ग के रूप में प्रयोग होने वाले तीन संपर्क मार्ग की कई माह बीत जाने के बाद भी टायरिंग नहीं हो पाई। हैरानी की बात है कि 26 करोड़ रुपए की राशि इन संपर्क मार्ग को ठीक करने के लिए राष्ट्रीय उच्चमार्ग प्राधिकरण बोर्ड ने करीब एक वर्ष पहले जारी कर दी थी। यही वजह है कि देश के विभिन्न राज्यों से शिमला घूमने के लिए आपने वाले पर्यटकों  को परवाणू से सोलन तक धूल व खतरे से भरा सफर तय करना पड़ रहा है। जानकारी के अनुसार फोरलेन का कार्य शुरू होने से पहले जिला के तीन संपर्क मार्ग को वैकल्पिक उच्चमार्ग के रूप में प्रयोग किए जाने का निर्णय लिया गया था, ताकि  परवाणू से सोलन तक का सफर ट्रैफिक की वजह से प्रभावित न हो। शिमला जाने वाले पर्यटकों को भी बेहतर सड़क सुविधा प्रदान किए जाने का प्रयास किया गया था। परवाणू वाया कसौली-धर्मपुर मार्ग को वैकल्पि उच्च मार्ग के रूप में प्रयोग किया जाना था। इस मार्ग के तंग मोड़ को ओर अधिक चौड़ा किया जाना है और टायरिंग कार्य किए जाने के लिए भी बजट का प्रावधान किया गया था। हैरानी की बात है कि कई माह बीत जाने के बाद भी इस मार्ग पर टायरिंग का काम शुरू ही नहीं हो पाया है। हालांकि लोक निर्माण विभाग द्वारा दावा किया जा रहा है कि कुछ तंग मोड़े को खुला कर दिया गया है। इसी प्रकार परवाणू भोजनगर बनासर संपर्क मार्ग को भी बेहतर बनाए जाने के लिए लोक निर्माण विभाग को बजट जारी हुआ था। इस मार्ग की टायरिंग होनी थी। इसके अलावा मार्ग में आने वाले कई मोड़ को भी खुला किया जाने का प्रावधान किया गया था।  हैरानी की बात है कि इस मार्ग पर भी अभी तक न तो टायरिंग का कार्य शुरू हो पाया है और न ही अन्य काम हो पाया है। हालांकि विभाग द्वारा बताया जा रहा है कि भोजनगर-चक्की मोड़ संपर्क मार्ग की टायरिंग का काम पूरा कर दिया गया है। इन तीनों संपर्क मार्ग को बेहतर बनाने के लिए 26 करोड़ रुपए का बजट राष्ट्रीय उच्चमार्ग प्राधिकरण बोर्ड द्वारा लोक निर्माण विभाग का जारी किया गया था। यदि समय रहते इन तीनों संपर्क मार्ग का काम पूरा हो जाता तो शिमला जाने वाले पर्यटकों को दिक्कतों का सामना नहीं करना पड़ता। बीते कई माह से परवाणू से सोलन तक फोरलेन का कार्य चल रहा है। अधिकतर स्थानों पर कटिंग दिन-रात चली हुई है। कार्य प्रगति पर होने की वजह से सफर भी खतरनाक बन चुका है। पहाड़ी से पत्थर आदि गिरने का खतरा हमेशा बना रहता है। परवाणू से सोलन राष्ट्रीय उच्चमार्ग की हालत इतनी अधिक दयनीय हो गई है कि करीब 30 किलोमीटर का सफर तय करने में दो घंटे का समय लग जाता है। धूप भरा यह सफर न केपल प्रदेश में पर्यटन व्यवसाय को  प्रभावित कर रहा है बल्कि खतरा भी हमेशा बना रहता है। फोरलेन के निर्माण का 50 प्रतिशत कार्य पूरा हो चुका हैं,  जबकि तीनों संपर्क मार्ग का कार्य फोरलेन का कार्य शुरू होने से पहले पूरा हो जाना चाहिए था। लोक निर्माण विभाग के अधीक्षण अभियंता भुवन शर्मा का कहना है कि तीन में से एक संपर्क मार्ग का कार्य पूरा हो चुका हैं, जबकि दो अन्य संपर्क मार्ग की टायरिंग व अन्य कार्य जल्द पूरा किया जा रहा है।


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