परीक्षाओं का तनाव

By: Feb 9th, 2017 12:01 am

( डा. शिल्पा जैन सुराना, वरंगल (तेलंगाना) )

परीक्षाओं का दौर जल्द ही शुरू होने वाला है और ऐसे समय विद्यार्थी काफी मानसिक दबाव में आ जाते हैं। इसकी मुख्य वजह है हमारी दोषपूर्ण शिक्षा प्रणाली और हमारा समाज, जो बच्चों को उनकी योग्यता के आधार पर न आंककर उनकी अंकतालिका को तरजीह देता है। छात्रों के साथ-साथ माता-पिता भी दबाव में रहते हैं। स्कूली बच्चों को तो परीक्षा के दबाव ने इस तरह जकड़ लिया है कि वे न तो खुलकर हंस पाते हैं न खुलकर खेल पाते हैं। उनका बचपन उनसे छिनता जा रहा है। परीक्षा का भय उनके मन से निकालना होगा। माता-पिता को चाहिए कि वे बच्चों को परीक्षा के नाम से डराए नहीं, बल्कि उनका उत्साहवर्द्धन करें। कम नंबर लाने पर उसे डराएं-धमकाएं नहीं। ऐसे सैकड़ों लोग हैं जो मार्क्सशीट में तो साधारण रहे, परंतु जीवन में उन्होंने असाधारण काम किए। साथ ही विद्यालयों व कालेज में भी शिक्षक अपने विद्यार्थियों को तनावमुक्त करने का प्रयास करें। धीरे-धीरे ही सही, पर यदि सतत प्रयास किए जाएं, तो बदलाव लाया जा सकता है।

 


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