पांचवां धाम बालाजीपुरम

By: Feb 11th, 2017 12:07 am

बालाजीपुरम का मुख्य मंदिर 111 फुट ऊंचा और साढ़े 10 एकड़ जमीन में फैला हुआ है। मंदिर में मुख्य रूप से रुकमणि, महादेव मंदिर के अलावा 40 से अधिक देवता स्थापित हैं…

पांचवां धाम बालाजीपुरममध्य प्रदेश के बैतूल जिले में सतपुड़ा की वादियों के बीच बने मंदिर बालाजीपुरम को भारत के पांचवें धाम के रूप में देखा जाता है। मंदिर की सुंदरता देखते ही बनती है। कई सालों में तैयार इस मंदिर ने बैतूल शहर को एक नई पहचान दिलाई है। मंदिर में हर रोज हजारों श्रद्धालुओं की भीड़ तो उमड़ती ही है, खास पर्व, त्योहार के मौकों पर यहां भीड़ बढ़ जाती है। हरीतिमा के बीच बने इस मंदिर में आना सुखकर लगता है। इस मंदिर की स्थापना का श्रेय एक ऐसे व्यक्ति को है, जो पेशे से वैज्ञानिक हैं। अप्रवासी भारतीय सेम वर्मा ने अपने अकेले प्रयास से इस अनुपम अनुकृति को धरती पर उतारा है। उन्होंने बैतूल में एक ऐसे मंदिर का निर्माण करवाया, जिससे अब बैतूल शहर को जाना जाता है। सेम जी बताते हैं कि उनका परिवार सदियों से शिवभक्त रहा है, पर 1966 में जब वे भगवान बालाजी के दर्शन करने तिरुपति गए, तब उनके मन में ख्याल आया कि क्यों न इस तरह का एक मंदिर बैतूल में भी स्थापित हो। कई सालों में यह विशाल मंदिर बन कर तैयार हुआ। बालाजीपुरम का मुख्य मंदिर 111 फुट ऊंचा और साढ़े 10 एकड़ जमीन में फैला हुआ है। मंदिर में मुख्य रूप से रुकमणि,महादेव मंदिर के अलावा 40 से अधिक देवता स्थापित हैं। कई ऋषियों को यह स्थल इतना भाया कि उन्होंने कई दिनों तक यहीं रह कर तपस्या की। आज बालाजीपुरम महत्त्वपूर्ण आस्था के केंद्र के साथ-साथ पर्यटक स्थल का रूप भी ले चुका है। धीरे-धीरे यह स्थल देश-विदेश में लोकप्रिय होता जा रहा है। यहां जाने के लिए साल का कोई भी मौसम ठीक है। बैतूल शहर को इंडिया का सेंटर प्वाइंट कहा जाता है।


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