बाल आश्रमों की देखभाल जरूरी

By: Feb 28th, 2017 12:10 am

newsशिमला — मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने कहा है कि प्रदेश में चल रहे किशोर गृहों व विशेष स्कूलों में विशेष देखभाल जरूरी है, ताकि यहां रहे बच्चे अपने आप को उपेक्षित महसूस न कर सकें। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस कार्य में लगे लोगों से व्यक्तियों को इन बच्चों के साथ भावनात्मक रूप से जुड़ने का भी आग्रह किया। मुख्यमंत्री यहां बाल अधिकार संरक्षण  पर आयोजित  राज्य स्तरीय कार्यशाला में बोल रहे थे।  मुख्यमंत्री ने कहा बाल संरक्षण अधिकारी से जुड़े विभिन्न आयोगों, बोर्डों व संगठनों को निर्धारित लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए आपसी तालमेल पर भी बल दिया, जिससे कि निर्धारित लाभार्थियों का कल्याण सुनिश्चित बनाया जा सके। वीरभद्र सिंह ने कहा कि  वर्तमान प्रदेश सरकार ने बच्चों के कल्याण को सुनिश्चित बनाने के लिए बाल अधिकार संरक्षण आयोग का गठन किया है।   उन्होंने इस मौके पर भारत के स्कूलों में सुरक्षित एवं अनुकूल वातावरण पर प्रथम राष्ट्रीय रिपोर्ट के सर्वेक्षण कैलेंडर का भी विमोचन किया।   इस मौके पर सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री डा. कर्नल धनीराम शांडिल ने कहा कि शिक्षा के अधिकार के तहत  गरीब वर्गों के बच्चों के लिए प्रवेश स्तर पर 25 प्रतिशत दाखिला सुनिश्चित बनाने पर विचार किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा बचपन की देखभाल व शिक्षा बिल को लाने की प्रक्रिया जारी है। बाल अधिकार संरक्षण की राष्ट्रीय परिषद के सदस्य प्रयांक कानूनगो ने कहा कि ऐसे अभिभावकों जो अपने बच्चों को बुनियादी शिक्षा से वंचित रखते हैं, को किसी भी प्रकार के चुनाव लड़ने से वंचित रखने के लिए नीति बनाने की आवश्यकता है।   किरण धांटा ने आयोग द्वारा की जा रही विभिन्न गतिविधियों बारे जानकारी दी। इस अवसर पर विभिन्न अधिकारी मौजूद थे।


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