मंडी में ‘हवा लागी चंडीगढ़ो री’

By: Feb 28th, 2017 12:05 am

शिवरात्रि महोत्सव में राठी की नाटियां-खान का सूफीयाना अंदाज

news newsमंडी  –  अंतरराष्ट्रीय शिवरात्रि महोत्सव की तीसरी संध्या में चंडीगढ़ की हवा लग गई। तीसरी सांस्कृतिक संध्या में किंग ऑफ नाटी ठाकुर दास राठी की नाटियों का खूब जादू चला। राठी की नाटियों का  दर्शकों पर कद्र जादू चला कि पंडाल में लोग झूम-झूम कर नाचे। वहीं पार्श्व गायक कमाल खान के सूफीयाना अंदाज ने भी दर्शकों को लूट लिया। तीसरी सांस्कृतिक संध्या में सीपीएस मंशा राम बतौर मुख्य अतिथि उपस्थित हुए। वहीं किंग ऑफ नाटी ठाकुर दास राठी जैसे ही मंच पर आए तो दर्शकों ने सीटियों और तालियों की गड़गड़ाहट से उनका जोरदार स्वागत किया। नाटी किंग ने बेटी है अनमोल पर बनाए गीत से जहां दर्शकों को बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का संदेश दिया, वहीं प्रशासन के मेरी लाड़ली अभियान में भी लोगों की भागीदारी को प्रेरित किया। इसके उपरांत उन्होंने हवा लागी चंडीगढ़ो री, तेरा मेरा प्यार, मेरी प्रोमिला, हो सुमित्रा मिलदी ऐजे लारजी मोड़े, नीरू चाली घूमदी, सुषमा मेरी जानिए हामे आशिक तेरे हो, मेरी श्री देविए कखे चली तू, कदी बोलदी नो कदी बोलदी यस, शालू रे क्वार्टरे लागी रौनका आदि हिट नाटियां गाते हुए दर्शकों को खूब नचाया। इसके बाद स्टार कलाकार कमाल खान ने तेरे वास्ते मेरा इश्क सूफीयाना, पिया रे, पिया रे थारे बिन न लागे जिया रे… व कजरा मुहब्बत वाला आदि गीत गाकर दर्शकों को खूब झूमाया। इससे पूर्व शहनाई वादक सूरजमणि, एसवीएम एवं डीएवी स्कूल मंडी, गोहर के परमदेव परदेशी, मंडी के प्रांजल एवं शौर्या, जेसिका, गोविंद भारद्वाज, कृष्ण लाल ठाकुर, सिरमौर अजय म्यूजिकल ग्रुप, मंडी के श्याम, कुसुम, सरवण, चैतन्य महाजन, गौरव शर्मा, आयुष, खुशवंत, श्री शुकदेव मंच, बीरी सिंह म्यूजिकल ग्रुप, केशव म्यूजिकल ग्रुप ठियोग, लक्ष्मी म्यूजिकल ग्रुप कांगड़ा, कैलाश मंडयाल बल्ह, शिमला के सुमित नारायण, बिमला देवी, मंडी के रणजीत, विनोद कुमार, विनय, आशु कला मंच शिमला, नवनीत जेष्टा, नीरज डांस ग्रुप, गुंजन, पूजा, कल्चरल गु्रप, सोनू सुरजीत सिंह, सूर्यांश कला मंच नगवाईं के कलाकारों ने भी अपनी प्रस्तुतियां दीं।

मंच पर हिमाचल की आवाज

शिवरात्रि महोत्सव की तीसरी संध्या में ‘हिमाचल की आवाज’ 2016 की जूनियर वर्ग की विजेता पायल ठाकुर ने भी अपनी प्रस्तुतियां दीं। पायल ने हीर-हीर न आखो अडि़यो आदि गीत पेश कर दर्शकों का भरपूर मनोरंजन किया। हिमाचल की आवाज रहे विनोद कुमार ने भी दर्शकों का भरपूर मनोरंजन किया।

शिवरात्रि में वर्षों से नहीं आ रहे 30 देवी-देवता

newsमंडी –  अंतरराष्ट्रीय शिवरात्रि महोत्सव मंडी में आने वाले देवी-देवताआें में कई ऐसे देवता भी हैं, जो दशकों से शिवरात्रि महोत्सव में नहीं आ रहे हैं। इनमें से कई किन्हीं कारणों से नाराज हैं तो कइयों का शिवरात्रि में आने से विवाद जुड़ा हुआ है। यही वजह है कि 30 के लगभग प्राचीन देवी-देवताओं के दर्शन लोगों को अंतरराष्ट्रीय शिवरात्रि महोत्सव में वर्षों से नहीं हुए हैं। इसमें बरनाग, चंडइया, खौरसी नारायण, कासले का माहूनाग, छोटी व बड़ी हंडिंबा सहित कई अन्य देवी-देवता शामिल हैं। वहीं अंतरराष्ट्रीय शिवरात्रि महोत्सव में इस बार 187 देवी-देवता पहुंच गए हैं। वर्षों बाद यह आंकड़ा यहां तक पहुंचा, जबकि पिछले शिवरात्रि महोत्सव में 186 देवी-देवता आए थे और उससे पहले भी यह आंकड़ा 184 और 186 के बीच ही रहा है। हालांकि अंतरराष्ट्रीय शिवरात्रि महोत्सव में पंजीकृत देवी-देवताओं की संख्या 217 है और इन सभी को हर वर्ष आयोजन समिति द्वारा निमंत्रण भेजा जाता है। इस हिसाब से अगर देखा जाए तो इस बार भी शिवरात्रि महोत्सव में 30 देवी-देवता नहीं आए हैं। हालांकि इनमें से भी बीस से अधिक ऐसे देवता हैं, जो कि दशकों से शिवरात्रि में नहीं आए हैं। जबकि शेष दस देवी-देवता पिछले कुछ वर्षों से शिवरात्रि में आ रहे हैं तो कभी उनका आना नहीं हुआ है। उधर, उपायुक्त संदीप कदम का कहना है कि आयोजन समिति ने इस बार भी सभी देवी-देवताओं को शिवरात्रि महोत्सव में लाने का प्रयास किए थे। इन्हीं प्रयासों के चलते 22 वर्ष बाद पराशर ऋषि शिवरात्रि महोत्सव में आए हैं। कई देवता वर्षों से शिवरात्रि में नहीं आ रहे हैं। वहीं मुख्यमंत्री की घोषणा के बाद बंजतरियों को मानदेय देने का प्रस्ताव प्रशासन करने में लगा है। प्रस्ताव के अनुसार 88 बडे़ देवी-देवताओं के बजंतरियों को दो हजार और शेष को 1500 रुपए मानदेय दिया जाएगा। सर्व देवता कारदार समिति ने बजंतरियों को कम से 10 हजार रुपए मानदेय देने की मांग की है। अंतरराष्ट्रीय शिवरात्रि महोत्सव की दूसरी जलेब का आयोजन मंगलवार को किया जाएगा। इसमें स्वास्थ्य मंत्री कौल सिंह ठाकुर मुख्य अतिथि होंगे।

इस बार नहीं होगा नए देवताओं का पंजीकरण

अंतरराष्ट्रीय शिवरात्रि महोत्सव में इस बार भी नए देवी-देवताओं का पंजीकरण नहीं होगा। सर्व देवता कारदार समिति की मांग पर प्रशासन ने यह फैसला लिया है। उपायुक्त संदीप कदम ने बताया कि नए देवी-देवताओं का पंजीकरण करना इतना सरल नहीं है।


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