सचिवालय में माफिया

By: Feb 13th, 2017 12:15 am

राजपूत सभा सिरमौर के अध्यक्ष बोले, सेक्रेटेरिएट में ट्रांसफर रैकेट

newsनाहन  —  हिमाचल प्रदेश के सचिवालय में जबरदस्त ट्रांसफर रैकेट चल रहा है। ट्रांसफर माफिया की संलिप्तता से केवल एक वर्ष के भीतर नाहन क्षेत्र के आसपास के ही करीब 200 लोगों के तबादले शिक्षा विभाग व विद्युत बोर्ड में प्रदेश सचिवालय से किए गए हैं। इस बात का खुलासा राजपूत सभा सिरमौर के अध्यक्ष दिनेश चौहान ने रविवार को नाहन में में किया। प्रदेश सचिवालय के ट्रांसफर रैकेट का भंडाफोड़ करते हुए दिनेश चौहान ने करीब एक वर्ष की अवधि में जनप्रतिनिधि के डीओ नोट के बिना हुए तबादलों की सूची मीडिया कर्मियों को दी। यही नहीं, उन्होंने कहा कि प्रदेश सचिवालय में नाहन में नाहन के दो भाई पैसा लेकर तबादला रैकेट चला रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश सचिवालय में प्रदेश के मुख्यमंत्री के एक विशेष सचिव के पीए तथा नाहन स्थित विद्युत बोर्ड के एक अधीक्षक ग्रेड-दो के अलावा एलिमेंटरी निदेशालय में अधीक्षक ग्रेड-दो के एक कर्मी तीनों मिलकर तबादला रैकेट चला रहे हैं। पत्रकार वार्ता में दिनेश चौहान ने कहा कि उनके पास बाकायदा इस बात के पू्रफ और अकाउंट नंबर भी हैं, जिसमें लाखों रुपए की राशि तबादले की एवज में जमा हुई है। उन्होंने कहा कि तबादला रैकेट चलाने वाले तीनों कर्मियों ने भारी संपत्ति बना ली है, जिसकी सीबीआई व विजिलेंस से जांच करवाई जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि इस मामले को उन्होंने मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के 18 जुलाई, 2016 को पांवटा साहिब के दौरे के दौरान दर्जनों अन्य सहयोगियों के साथ उनके समक्ष उठाया था, परंतु अभी भी इस मामले की जांच नहीं हुई है। श्री चौहान ने कहा कि वह स्वयं की संपत्ति की जांच करवाने को भी तैयार हैं। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि अब भी इस मामले में मुख्यमंत्री कार्यालय से तबादला रैकेट की जांच नहीं हुई तो मजबूरन उन्हें प्रदेश के महामहिम राज्यपाल, पीएमओ आफिस व प्रदेश के माननीय उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि इस मामले में सचिवालय के आला प्रशासनिक अधिकारी ट्रांसफर रैकेट चलाने वाले कर्मियों को शरण दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रति कर्मचारी के तबादले की एवज में 30-30 हजार रुपए की रकम ली जाती है। दिनेश चौधरी ने बताया कि इस मामले की शिकायत विजिलेंस को भी की गई थी, परंतु अभी तक विजिलेंस ने भी इस मामले में कार्रवाई नहीं की है। उन्होंने कहा कि इस मामले की एक ताजी शिकायत प्रदेश के मुख्यमंत्री को पुनः प्रेषित की गई है।

आरोप झूठे हुए तो लौटाऊंगा रिटायरमेंट लाभ

राजपूत सभा सिरमौर के अध्यक्ष ने कहा कि यदि उनके आरोप झूठे साबित होते हैं तो वह सरकार द्वारा उन्हें दिए गए तमाम रिटायरमेंट लाभ लौटाने को तैयार हैं। पत्रकार वार्ता में ट्रांसफर रैकेट का खुलासा करते हुए दिनेश चौहान ने कहा कि प्रदेश सचिवालय में मुख्यमंत्री के एक विशेष सचिव के कार्यालय में तैनात निजी सचिव के कम्प्यूटर से बाकायदा फर्जी तरीके से मुख्यमंत्री की अप्रूवल भी दिखाई जाती है, जबकि इन तबादलों में जनप्रतिनिधियों का अनुमोदन नहीं होता है। ट्रांसफर का आवेदन भी स्वयं तैयार किया जाता है तथा इसे सीएम की डाक में दर्शाया जाता है, ताकि विभिन्न फाइलों के साथ इन पर भी मुख्यमंत्री के हस्ताक्षर हो जाएं।

जिला में 200 कर्मियों की लिस्ट

दिनेश चौधरी ने करीब 200 कर्मियों की सूची भी मीडिया कर्मियों को दी है। ट्रांसफर सूची में बाकायदा कर्मियों के तबादले के स्थान, तिथि व सीएमयूओ नंबर भी दर्शाए गए हैं।


Keep watching our YouTube Channel ‘Divya Himachal TV’. Also,  Download our Android App