100 साल पुराने ऐतिहासिक भवनों का होगा जीर्णोद्धार

By: Feb 23rd, 2017 12:01 am

फंड के लिए कमेटियां संस्कृति विभाग को करें आवेदन

ऊना —  प्रदेश में बदहाली के आंसू बहा रहे ऐतिहासिक भवनों के दिन जल्द ही बहुरेंगे। ऐतिहासिक भवनों के जीर्णोद्धार के लिए भाषा एवं संस्कृति विभाग कमेटियों को बजट मुहैया करवाएगा ताकि इन ऐतिहासिक भवनों की उचित देखभाल हो सके। यही नहीं, कई ऐतिहासिक भवनों के लिए विभाग द्वारा बजट भी जारी कर दिया गया है। भाषा एवं संस्कृति विभाग की ओर से प्रदेश के लिए करीब पांच करोड़ रुपए का बजट निर्धारित किया गया था। इसमें कई ऐतिहासिक भवनों को बजट भी जारी कर दिया गया है। बजट के लिए ऐतिहासिक भवनों की पंजीकृत कमेटियां आवेदन कर सकती हैं।  हालांकि संबधित विभाग की ओर से कई ऐतिहासिक प्राचीन भवन, मंदिर, किलों के जीणोद्धार  के लिए बजट मुहैया करवाया गया था। विभाग की ओर से ऐतिहासिक भवनों को बचाए रखने के लिए भविष्य में भी इस योजना को सुचारू रूप से ही चलाया जाएगा ताकि ऐतिहासिक भवनों को खंडहर होने से बचाया जा सके। उल्लेखनीय है कि प्रदेश में कई नामी किले हैं। प्राचीन राजाओं के नाम से बने ये किले, कई मंदिर भी वर्तमान में बदहाली के आंसू बहा रहे हैं। यहां तक कि कई मंदिर भी हैं। इसके अलावा अन्य प्राचीन धरोहरे भी हैं जो खस्ताहाल हैं। इसके चलते सरकार विभाग की ओर से इन ऐतिहासिक भवनों को भविष्य के लिए संजोए रखने के लिए बजट मुहैया करवाया जा रही है। संबधित कमेटियों को भी इसमें दिलचस्पी दिखानी चाहिए।

ये शर्तें जरूरी

ऐतिहासिक भवनों के जीर्णाेद्धार के लिए विभाग की ओर से जो बजट मुहैया करवाया जा रहा है, उसमें ऐतिहासिक भवन की कमेटी की भी पंजीकृत होनी चाहिए। ऐतिहासिक भवन भी करीब 100 साल पुराना होना चाहिए। ऐतिहासिक भवन निजी भूमि पर नहीं होना चाहिए। कमेटी को आवदेन करने के लिए आवेदन फार्म भरना होगा। एसडीएम या फिर तहसीलदार की ओर से कमेटी को बजट देने के लिए अधिकृत किया जाएगा।

इन्हें जारी हुई रकम

विभाग द्वारा ऊना जिला के सोलहसिंगी धार, जमासनी मंदिर, चौमुखा मंदिर। हमीरपुर जिला के प्राचीन शिव मंदिर नौणी, नौ नंगर कोटी मंदिर शनई कोटी, राजगढ़, सिरमौर, श्री गुरुकुल मंदिर बोराड़, शिलाई, सिरमौर, श्री गुरुराज महाराज मंदिर माटली, शिलाई, सिरमौर, श्री गुगगा राज मंदिर सीआरसी शिलाई, सिरमौर, भूतनाथ मंदिर मंडी, श्री रघुनाथ मंदिर, नौणी सहित अन्य के लिए राशि जारी हो चुकी है।

आवेदन से लेकर बजट की पूरी प्रक्रिया

संबंधित कमेटी को जिला के संबधित जिला भाषा एवं संस्कृति विभाग में आवेदन करना पड़ेगा। आवेदन के बाद विभाग की टीम भवन का निरीक्षण करेगी। निरीक्षण टीम एस्टीमेट बनाएगी। इसके बाद प्रोपोजल निदेशालय को भेजा गया। औपचारिकताएं पूरी होने के निदेशालय बजट स्वीकृत करेगी। औपचारिकताएं पूरी करनी वाली कमेटी को ही बजट मुहैया करवाया जाएगा। सर्वे टीम ऐतिहासिक भवन का निरीक्षण करेगी उसके बाद ही कमेटी को बजट मिल पाएगा।


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