300 रुपए की लागत से 70 लाख कमाया

By: Feb 28th, 2017 12:07 am

बांस का व्यापार चोटी तक पहुंचाया…

newsमंडी  – सरस मेले की बात हो और बाहरी राज्यों के व्यापारी अपने हाथों की कलाकारी न दिखाएं, ऐसा कभी हो सकता है? जी हां ! हम बात कर रहे हैं सेरी मंच पर स्थित सरस मेले की। अंतरराष्ट्रीय शिवरात्रि महोत्सव के दौरान छोटी काशी मंडी में सरस मेले में देशभर से आए व्यापारियों द्वारा लगाई गई हस्तशिल्प प्रदर्शनियों ने रंग बिखेरना शुरू कर दिया है। इस बार सरस मेले में लोगों को त्रिपुरा के बांस से बनाई गई टोकरी, गिलास, पेंटिंग, टेबल लैंप, मैट और फिश पोट जैसी चीजों ने मदहोश कर दिया है। वहीं, त्रिपुरा के बांस की कलाकारी ने भी छोटी काशी के लोगों को खरीददारी करने को मजबूर कर दिया है। त्रिपुरा के व्यापारी अमित ने बताया कि वह यह काम पुरखों से चला आ रहा है। त्रिपुरा का बांस पूरे भारत में प्रसिद्ध हैं। उन्होंने बताया कि वह इस बांस की कलाकरी को भारत के अलावा बाहरी देशों में भी अपनी कलाकारी को दिखा चुके हैं। उन्होंने बताया कि  बांस के कलाकारी का काम उनके दादा ने 300 रुपए से शुरू किया था। 300 रुपए से शुरू किया गया काम की अब सालाना टर्नओवर 70 लाख है। सरस मेले में हिमाचल प्रदेश साथ-साथ विभिन्न राज्यों हरियाणा, उड़ीसी, छतीसगढ़, पंजाब, कश्मीर, मध्यप्रदेश, राजस्थान और झारखंड सहित अन्य राज्यों के ग्रामीणों स्वयं समूहों ने प्रदर्शनी और बिक्री के स्टाल लगाए हैं।

सिल्क की साडि़यों पर महिलाएं लट्टू

इस बार छत्तीसगढ़ की सिल्क की साड़ी ने महिलाओं का रश उमड़ा पड़ा है। छत्तीसगढ़ के व्यापारी तारा चंद ने बताया कि वह यह काम 50 सालों से चला आ रहा है। उन्होंने बताया कि इससे पहले यह काम उनके पिता जी और उनसे पहले उनके दादा जी यह काम करते थे। उन्होंने यह काम 150 रुपए से शुरू किया था और अब इनकी सालाना कमाई 10 लाख से अधिक है। उन्होंने बताया कि वह सिल्क के कपड़े का पूरे भारत में व्यापार करते हैं। भारत के 70 प्रतिशत राज्यों में वह सिल्क के कपड़े को व्यापरियों तक पहुंचाते हैं।


Keep watching our YouTube Channel ‘Divya Himachal TV’. Also,  Download our Android App