आरटीओ कार्यालय न मिलने से दून की जनता खफा
बद्दी – दून विस क्षेत्र की पूर्व विधायक विनोद चंदेल ने प्रदेश के मुख्यमंत्री व दून के विधायक पर आरटीओ कार्यालय को लेकर दो बार धोखा करने का आरोप जड़ा है। चंदेल ने कहा कि पूर्व धूमल सरकार 2012 में बद्दी में आरटीओ कार्यालय खोला था, लेकिन वीरभद्र सरकार ने उसे आते ही बंद कर दिया। जब अब आरटीओ कार्यालय देने की बारी आई तो नालागढ़ को देने की घोषणा कर दी। बद्दी प्रदेश का सबसे बड़ा औद्योगिक क्षेत्र है। वाहनों से संबंधित छोटे-छोटे कार्य के लिए नालागढ़ या फिर आरटीओ कार्यालय सोलन जाना पड़ता है। जबकि नालागढ़ में वाहनो से संबंधित वहां पहले ही पंजीकरण कार्यालय है और इस कार्यालय को बद्दी में खोले जाने की सत आवश्यकता थी। चंदेल ने कहा कि इससे पूर्व भी खंड विकास कार्यालय को लेकर दून की जनता से भद्दा मजाक किया गया। मंत्रिमंडल में घोषणा करने के बाद यह खंड विकास कार्यालय दून को नहीं मिला। भाजपा शासनकाल में दून हल्के में डेढ़ दर्जन कार्यालय यहां खुले थे, लेकिन गत सवा चार साल के शासन में दून हल्के में मुख्यमंत्री ने घोषणाओं की तो झड़ी लगाई, लेकिन हकीकत कुछ ओर ही है। उन्होंने कहा कि वीरभद्र सिंह की सरकार झूठे घोषणाओं की सरकार बनकर रह गई है। इस दौरान भाजपा मंडलाध्यक्ष बलवीर ठाकुर, प्रदेश सदस्य श्रीकांत शर्मा, डीआर चंदेल, जिला सचिव बलिवंद्र ठाकुर, हंसराज चंदेल, परमजीत सिंह पम्मी, जसवंत चौधरी, प्रवक्ता तरसेम चौधरी, कृष्ण कौशल व संजीव कौशल ने कहा कि कांग्रेस सरकार दून हल्के के लोगों से भेदभाव करती आ रही है, जिसका जीता जागता उदाहरण यहां से आरटीओ कार्यालय को शिफ्ट करना है। उन्होंने कहा कि पंचायत प्रतिनिधियों को पंचायतों राज से जुड़े मसले के लिए दूरदराज कसौली विस के धर्मपुर व नालागढ़ जाना पड़ता है।
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