हर जिला के लिए औद्योगिक प्लान
भीतरी क्षेत्रों में निवेश लाने के लिए उद्योग विभाग का प्रयास
शिमला— बेशक प्रदेश के अंदरूनी क्षेत्रों में औद्योगिक विकास उस रफ्तार से नहीं हो पाया है, लेकिन यहां पर आधारभूत ढांचा पर्याप्त रूप से उपलब्ध है। उद्योग विभाग ने उद्योगों की डिमांड पर उन्हें देने के लिए जमीन लैंड बैंक में रखी है और सभी जिलों में ऐसी जमीन विभाग के पास मौजूद हैं। ऐसे में अब जिलों का औद्योगिक प्लान बनाने की योजना चल रही है। कुछ जिलों में ये प्लान तैयार किया जा चुका है, वहीं अभी कई जिलों का प्लान बनाया जाना शेष है। इस औद्योगिक प्लान को विभाग अपनी वेबसाइट पर डाल रहा है, ताकि प्रदेश में निवेश करने वाले लोग हर जिला की तस्वीर को जान सकें और उसके मुताबिक यहां निवेश के लिए अपने आवदेन करें। ऐसा पहली दफा ही किया जा रहा है कि जिलों में मौजूद आधारभूत ढांचे की तस्वीर निवेशकों को दिखाई जा रही है। इससे पहले लोग केवल सीमाई क्षेत्रों के बारे में ही जानते हैं। वैसे उद्योगपतियों का रुझान सीमाई क्षेत्रों तक ही है, परंतु उद्योग विभाग अपने स्तर पर सभी हिस्सों को उद्योगों के नजरिए से विकसित करना चाहता है। प्रदेश सरकार ने पिछले बजट में घोषणा की थी कि राज्य के अंदरूनी क्षेत्रों में भी उद्योगों को लाया जाएगा। इसके लिए प्रयास भी किए गए, परंतु प्रदेश में उद्योगों की रफ्तार पूरी तरह से धीमी पड़ चुकी है। ऐसे में अब यहां निवेश को बढ़ाने के लिए सरकार ने मुख्यमंत्री स्टार्टअप योजना का भी शुभारंभ किया है। बताया जाता है कि इस पालिसी को भी विस्तृत रूप से ऑनलाइन किया गया है, ताकि निवेश के इच्छुक लोग जानकारी ले सकें। स्टार्टअप स्कीम में जिस तरह की रियायतें सरकार ने देने की घोषणा कर रखी है, उससे राज्य के भीतरी क्षेत्रों में औद्योगिक निवेश हो सकता है, ऐसी उम्मीद जताई जा रही है।
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