अग्नि देवता आराध्य देवताओं से खफा

By: Mar 17th, 2017 12:05 am

कुल्लू – देवभूमि कुल्लू की सैंज घाटी में देवताओं के रथ जलने से जिला का देव समाज आहत है। घाटी में पिछले डेढ़ दशकों से बेशकीमती काष्ठकुणी शैली से निर्मित मंदिर, देवरथ और देवी-देवताओं के  मोहरे जलने का क्रम जारी है। जैसे ही कारकून एक जले देवता का देवरथ बनाकर तैयार करते हैं, वहीं दूसरे देवता के मंदिर तथा देवरथ जलने शुरू हो जाते हैं। घाटी ऐसी घटनाओं से सहमी हुई है। बीते वर्षों कोटला और शांघड़ में जले देवताओं के मोहरे और रथ का दुख भूल भी नहीं पाए थे कि अब सैंज घाटी के  मनियाशी में देवता जनाशर ऋषि का रथ जल गया, जससे फिर घाटी को बड़ा सदमा लगा।

मंदिर बनने से पहले देवरथ जला

देवता का नया मंदिर बनकर तैयार नहीं हुआ था कि देवता का रथ समेत अन्य सोना-चांदी के आभूषण जलकर राख हो गए।

क्या कहते हैं कारकून

देवता जनाशर ऋषि के कारदार भाग सिंह और क्षेत्रवासी चमन राणा का कहना है देवता का मंदिर कैसे जला क्यों जला हारियान समेत घाटी परेशान है। घाटी में लगातार मंदिर जल रहे हैं।

देवता ने बचाए 100 घर

देवता जनाशर ऋषि ने अपने ऊपर विपदा आने दी, लेकिन कारदार के परिवार समेत अन्य 100 घरों को आंच तक आने नहीं दी ।

देवता ने की थी भविष्यवाणी

कारकूनों के मुताबिक मनियाशी  के देवता जनाशर ऋषि ने तीन-चार दिन पूर्व हारियानों को गूरवाणी में बड़ी घटना घटने की भविष्यवाणी की थी। कारकून बतातें हैं कि देवता ने गांव में बड़ी घटना घटने नहीं दी, लेकिन देवता के अपने ऊपर ही विपदा आई।

क्यों जल रहे हैं मंदिर

बता दें कि पिछले डेढ़-दो दशक में देवभूमि कुल्लू की सैंज घाटी में देवताओं के रथ जल रहे हैं। हालांकि जिला कुल्लू में बड़ी-बड़ी काष्ठकुणी की शैली से निर्मित भवन जलने का क्रम दशकों से जारी है, लेकिन सैंज घाटी में देवताओं पर यह विपदा क्यों आ रही है। इसके लिए जिला कुल्लू के देव समाज को सोचना होगा।

इन देवताओं के जले हैं रथ-मंदिर

बनाउगी में कौशूनारायण, पाशी में जमलू ऋषि, तांदी में ब्रह्मा ऋषि रोट में गर्ग ऋषि, शांघड़ में शंगचूल महादेव, कोटला में मंदिर, मनियाशी में जनाशर ऋषि


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